हरिद्वार। उत्तराखंड के छोटे से गांव की बेटी अपनी प्रतिभा के दम पर अब टोक्यो ओलंपिक का सफर तय करने निकली है। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कैप्टन वंदना कटारिया का चयन टोक्यो ओलिम्पिक के लिए हुआ है। इस खबर से हरिद्वार जिले में स्थित उनके गांव रोशनाबाद में जश्न का माहौल है। वंदना ने कहा है कि वह भारत के लिए अपनी पूरी जान लगा देंगी, वे ओलंपिक से भारत के लिए मेडल जरूर लाएंगी।
वंदना की मां सोरेन देवी का कहना है कि वंदना ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर आज ये मुकाम हासिल किया है। भाई पंकज कटारिया का कहना है कि बचपन से ही वंदना कड़ी मेहनत और लगन से अपने खेल पर ध्यान देती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए गांव वालों ने और प्रशासन ने उन्हें हाॅकी और खेल का सामान दिया, जिससे वह निरन्तर अभ्यास करती रहीं। नतीजा यह हुआ कि वह दिन-रात आगे बढ़ती रही। उन्होंने बताया पिता नाहर सिंह की मौत के बाद जब उन्होंने वंदना से बात की तो वह बहुत दुखी थी। उसने उनकी याद को ही अपनी प्रेरणा बनाया। वंदना की बहन का कहना है कि जब भी उनकी दीदी घर आती हैं तो वो उन्हें खेल के कई टिप्स देती हैं। साथ में वह हाॅकी का अभ्यास भी कराती हैं।
मिड फील्डर वंदना कटारिया 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं थीं। यह जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक विजेता टीम की सदस्य थीं। यह स्पर्धा जर्मनी में हुई थी। वंदना ने प्रतियोगिता में पांच गोल किये थे। वो गोल करने के मामले में प्रतियोगिता में तीसरे नंबर पर रही थीं। वंदना अब तक 130 स्पर्धाओं में 35 गोल करने में सफल रही हैं।
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