उत्तरकाशी हादसा : इस कारण हुआ वीभत्स हादसा, पेड़ पर लटके हुए थे शव, अब एयरलिफ्ट कर एमपी पहुंचाए जाएंगे शव

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। हरिद्वार से यमुनोत्री जा रही चारधाम यात्रियों से भरी बस रविवार शाम 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद बस के परखच्चे उड़े हुए थे। वहीं यात्रियों के शव पेड़ों से लटक रहे थे। किसी का हाथ गायब था तो किसी का पैर। घटना की सूचना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उत्तराखंड पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से घटना के तुरन्त बाद बात हुई थी और उन्होंने तत्काल सुरक्षा और बचाव का कार्य शुरू कर दिए थे। मैं भी रात को बारह बजे देहरादून पहुंच गया था। इसके बाद आज सुबह सीएम धामी और शिवराज सिंह चौहान ने घटनास्थल का जायजा लिया और मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान उन यात्रियों से भी मिले जो दूसरी बस में सवार थे। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि रक्षा मंत्री से हवाई जहाज मांगा गया है जो दो बजे तक जौलीग्रांट पहुंच जाएगा। उसके बाद सभी शवों को खजुराहो एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा। वहां गाड़ियों की व्यवस्था की गई ताकि शवों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।

बस का हुआ था स्टेयरिंग फेल

एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बस का स्टेयरिंग फेल होने के चलते यह दुर्घटना हुई। ड्राइवर ने पहाड़ से टकराकर बस को रोकने का प्रयास किया। लेकिन पहाड़ से टकराकर बस खाई में गिर गई। मध्य प्रदेश के 3 यात्री दुर्घटना में घायल हुए हैं, उनका इलाज जारी है। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की राशि देंगे। घायलों का इलाज निशुल्क हो, उसकी भी व्यवस्था करेंगे।

परिवहन मंत्री ने दिए 15 दिनों में डीपीआर तैयार करने के निर्देश

परिवहन मंत्री चन्दन राम दास ने स्वीकारा कि घटना स्थल पर सड़क सुरक्षित नहीं है। यदि सड़क पर पैरापिट बने होते तो घटना को रोका जा सकता था। उन्होंने मुख्य अभियन्ता प्रमोद को 15 दिनों में डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह स्वयं नितिन गडकरी से मिलेंगे ताकि हरबर्टपुर से बड़कोट तक यमुनोत्री हाइवे को ऑल वेदर में शामिल करवाया जा सके और सड़क पर सुरक्षात्मक कार्य जल्द हो पाए।