देहरादून : उत्तराखंड में भाजपा की सरकार से हाल ही में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले यशपाल आर्या और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के साथ एक और भाजपा विधायक के कांग्रेस दफ्तर तक पहुंचने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसमें अब विधायक उमेश शर्मा काऊ को सफाई देनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा हाईकमान अच्छी तरह जानता है कि वह वहां क्यों गए थे और उसके पीछे उनका मकसद क्या था। वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा फिर प्रचंड बहुमत से सत्ता में लौटेगी।
रायपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा उनका मकसद भाजपा में नाराज विधायकों को मनाने का है, ताकि पार्टी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ कर फिर सत्ता में काबिज हो सके। उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे थे, ऐसे में वह नहीं चाहते थे कि वह भाजपा को छोड़ें। लिहाजा उनकी बात भाजपा हाईकमान से करा सकें, इसके लिए उन्हें जाना पड़ा था। उमेश शर्मा ने यह भी कहा पिछली दफा तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर जब परिवर्तन हुआ और पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने थे, तब विधायक सतपाल महाराज, यशपाल आर्य और हरक सिंह रावत बेहद नाराज थे। यहां तक की इन लोगों ने मंत्री पद की शपथ न लेने का भी फैसला कर लिया था लेकिन उन्होंने उनको मनाया। भाजपा हाईकमान को जब यह सूचना मिली तो उन्होंने भी उनको ही मध्यस्थता में डालते हुए इनको मनाने का काम सौंपा। आखिरकार तीनों को मनाने में कामयाब रहे और शपथ भी इन लोगों ने ली। पार्टी ने इनका मान-सम्मान रखते हुए इनाम स्वरूप इनके मंत्रालयों में इजाफा भी किया। ऐसे में यह कहना कि वह भाजपा छोड़ कांग्रेस में जा रहे थे, यह ठीक नहीं है। वह अपना हित भली-भांति समझते हैं, मगर यह नहीं चाहते कि भाजपा किसी भी स्तर पर कमजोर हो।