वरुण को मिली प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव की बड़ी जिम्मेदारी, युवा नेता से पार्टी को यह मिलेगा फायदा

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देहरादून। किसान आंदोलन ने किसानों की महत्ता का एहसास करा दिया है। ऐसे में उत्तराखंड किसान कांग्रेस ने भी संगठन को धार देना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि पार्टी ने प्रदेश महासचिव जैसी बड़ी जिम्मेदारी नैनीताल निवासी युवा नेता वरुण भाकुनी को दी है। भाकुनी स्वतन्त्रता सेनानी परिवार से हैं और उनके पिता डॉ. भूपाल सिंह भाकुमी भी दिग्गज कांग्रेसी रहे हैं। यही नहीं बल्कि खुद वरुण भी कम उम्र में ही कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी पकड़ का एहसास करा चुके हैं। पार्टी को वरुण की ताजपोशी से संगठनात्मक ऊर्जा मिलने की पूरी उममीद दिखाई दे रही है।

अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री सुशील राठी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं कालाढूंगी विधानसभा से चुनाव लड़ चुके वरुण प्रताप सिंह भाकुनी को उत्तराखण्ड प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी (ई) में प्रदेश महासचिव नियुक्त किया है । श्री राठी ने कहा भी है कि वरुण का किसान परिवार से होना और उनकी सांगठनिक क्षमता एवं जुझारूपन को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का किसान आंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है और उन्हें उत्तराखंड में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ना है। वरुण के साथ आने से युवा किसानों का झुकाव पार्टी के प्रति बढेगा।
युवा नेता वरुण ने कहा कि पार्टी ने जो भरोसा जताया है, वह कोशिश करेंगे कि उस ओर खरा उतरें। उन्होंने भी किसान आंदोलन पर केंद्र की बेरुखी पर दुख जताते हुए कहा कि भारत के विभिन्न प्रदेशों और संगठनों के किसान इसमें शामिल है। अभी तक 56 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। लेकिन सरकार झुकने को तैयार नहीं है। मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के हित के लिए सोच रही है, करोड़ों गरीब किसानों को इन कानूनों से बहुत क्षति पहुंचेगी।

वरुण के दादा और दादी रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी
वरुण के दादा व दादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे तथा उन्हें सरकार द्वारा उत्तराखंड के तराई क्षेत्र किच्छा के देवरिया गांव में कृषि जमीन आवंटित की गई थी। इस पूरे गांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनके आश्रित बसे हैं ।