न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड सरकार नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं की लत छुड़ाने के लिए नई नीति ला रही है। इसके तहत राज्य में जो युवा ड्रग्स या नशे के सामान के साथ पकड़े जाएंगे, उन्हें जेल नहीं बल्कि नशा मुक्ति केन्द्र भेजा जाएगा। वहीं विभाग ने महिलाओं के लिए भी अलग प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत महिलाओं को मुख्य जेलों से दूर दूसरी जेलों में रखा जाएगा। गृह विभाग ने स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही शासन के सामने रखा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद उसे राज्य में लागू किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार विभिन्न विभागों के साथ मिलकर एंट्री ड्रग्स पॉलिसी बना रही है और इसके लिए गृह विभाग को नोडल बनाया गया था। लिहाजा इसके लिए गृह विभाग ने स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर नीति तैयार की है। इसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जा सकता है। इसी नीति के तहत नशा रखने के आरोप में गिरफ्तार युवाओं को जेल के बजाए उसी अवधि तक नशा मुक्ति केंद्र में रहने का विकल्प मिलेगा। नशे के साथ पकड़े गए युवा शपथ पत्र भरकर नशा मुक्ति केंद्र में खुद को बेहतर बना सकेंगे।
गृह विभाग ने ये भी साफ किया है कि इस नीति का लाभ नशे के तस्करों को नहीं मिलेगा। ये सिर्फ युवाओं के लिए है, जो नशे की लत में पड़ चुके हैं और अपने नशे के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। विभाग इसके लिए ड्रग्स की मात्रा भी निर्धारित करेगा और ये भी देखेगा कि आरोपी इस अपराध के लिए कितनी बार जेल जा चुका है। इस नीति में एनडीपीएस के अपराध में गिरफ्तार महिलाओं को भी जेल के बाहर जेल में रखा जाएगा और इन महिलाओं के लिए राज्य के दोनों मंडलों में एक-एक सरकारी भवन को जेल की तरह विकसित किया जाएगा।