चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री धाम के कपाट विशेष पूजा-अर्चना के बाद 12 बजकर पांच मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब अगले छह महीनों तक मां यमुना के दर्शन और पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में की जाएगी।
इससे पहले, सुबह आठ बजे मां यमुना के भाई शनिदेव समेश्वर महाराज अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचे। इसके बाद, सैकड़ों श्रद्धालुओं और स्थानीय देव डोलियों की मौजूदगी में मां यमुना के मंदिर के कपाट बंद हुए।
ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का भव्य स्वागत फूल-मालाओं, धूप, दीप और नैवेद्य के साथ किया। इस मौके पर पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, और अन्य स्थानीय नेता भी उपस्थित रहे।
इस वर्ष यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या गत वर्ष की तुलना में कम रही है। शनिवार शाम तक 711754 श्रद्धालु यमुनोत्री पहुंचे, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 735245 थी। अब रविवार दोपहर करीब 12:05 बजे कपाट बंद होने के दिन कितने श्रद्धालु पहुंचे, यह देखना बाकी है।
इसके साथ ही, चारधामों में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट भी शनिवार को अन्नकूट पर्व पर 12:14 बजे बंद कर दिए गए थे, जहां श्रद्धालुओं ने मां गंगा की उत्सव डोली के निर्वाण दर्शन किए।