उत्तराखंड के हरिद्वार में संरक्षित पशु के कटान की सूचना पर गोवंश स्क्वायड की टीम के पीछा करने पर युवक ने तालाब में छलांग लगा दी। इस दौरान युवक तालाब में डूब गया और उसकी मौत हो गई। गुसाए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और शव को नहीं उठाने दिया। हंगामे के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस के साथ अभद्रता भी की और नोकझोंक हुई। पुलिस ने किसी तरह ग्रामीणों को शांत किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, गोवंश स्क्वायड की टीम को रविवार की सुबह करीब आठ बजे सूचना मिली थी कि गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव के पास एक युवक बाइक पर संरक्षित पशु का मांस लेकर बेचने जा रहा है। सूचना पर पुलिस ने माधोपुर के पास युवक की घेराबंदी की, तो वह बचकर भागने लगा। इस दौरान युवक ने एक तालाब में छलांग लगा दी। तालाब में युवक को छलांग लगाते देख पुलिस के होश उड़ गए। मौके पर ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई और हंगामा शुरू हो गया।
हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस से जमकर नोकझोंक और हंगामा बढ़ गया। ग्रामीणों ने पुलिस से अभद्रता भी की। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर शांत किया और युवक के शव को तालाब से निकाला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा तो ग्रामीणों ने शव उठाने नहीं दिया। काफी देर तक मौके पर हंगामा चलता रहा। अंततः पुलिस के समझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए और शव उठाने दिया।
एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान मोनू निवासी सोहलपुर गाडा, रुड़की के रूप में हुई है। मामले की जांच की जा रही है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना में परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने मारपीट के बाद शव तालाब में फेंक दिया था। परिजनों ने हत्या की तहरीर दी है।
सिविल अस्पताल में मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन एकत्र हो गए। भगवानपुर विधायक ममता राकेश, कलियर विधायक फुरकान अहमद, झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती और भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह समेत अन्य लोग भी पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।