भीख और चमत्कार का झांसा! साधु-संतों के भेष में ठगने वाले 11 बाबा पकड़े गए

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उत्तराखंड में बहुरूपियों और भेष बदलकर लोगों को ठगने वालों पर पुलिस की कड़ी निगरानी है। ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेशभर में ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है, जिसके तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक बड़ी संख्या में फर्जी भेषधारियों को पकड़ा जा चुका है। इसी कड़ी में हरिद्वार जिले के रुड़की में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को ठगने वाले 11 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी बाबा बनकर भीख मांगने और लोगों की व्यक्तिगत व घरेलू समस्याओं के समाधान का झांसा देकर उनसे अधिक धनराशि वसूल रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य धर्म की आड़ में लोगों की आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले फर्जी बाबाओं और पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है।

इसी क्रम में हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में सक्रिय ऐसे भेषधारियों पर नजर रखने और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के अनुपालन में रुड़की की सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने अभियान चलाकर 11 बहरूपियों को पकड़ा।

पुलिस का कहना है कि ये आरोपी विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें भ्रमित करते थे और समस्याओं के समाधान का लालच देकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरफ्तार किए गए ढोंगी बाबाओं में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के निवासी शामिल हैं, जिनके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत आगे भी ऐसे फर्जी बाबाओं और पाखंडियों के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की पवित्रता बनाए रखने और लोगों को ठगी से बचाने के लिए यह कार्रवाई लगातार की जाएगी।

गौरतलब है कि ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड सरकार की एक अहम पहल है, जिसका उद्देश्य साधु-संतों का भेष धारण कर धोखाधड़ी करने वाले बहुरूपियों पर रोक लगाना और राज्य की पवित्र भूमि पर किसी भी तरह के छल, कपट और पाखंड को बर्दाश्त न करना है।