11 साल की भारतीय अमेरिकी छात्रा दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली विद्यार्थी , जानिए क्यों किया गया घोषित

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वाशिंगटन। भारतीय मूल की अमेरिकी छात्रा नताशा पेरी (11) को एसएटी और एसीटी मानकीकृत परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन के लिए अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय की ओर से दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में से एक के रूप में आंका गया है।
स्कूली मूल्यांकन परीक्षा (सैट) और अमेरिकी कॉलेज परीक्षा (एसीटी) दोनों ही मानकीकृत परीक्षाएं हैं, जिनके आधार पर कई कॉलेज यह निर्धारित करते हैं कि किसी छात्र को प्रवेश देना है या नहीं। कुछ मामलों में, कंपनियां और गैर लाभकारी संगठन इन अंकों के आधार पर मेधा आधारित छात्रवृत्ति भी देते हैं।
सभी कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों का या तो एसएटी या फिर एसीटी लेना जरूरी होता है और उनके अंक संबंधित विश्वविद्यालयों को सौंपने होते हैं।
एक बयान में सोमवार को बताया गया कि न्यू जर्सी में ‘थेलमा एल सैंडमियर एलिमेंट्री स्कूल की छात्रा, पेरी को जॉन्स हॉपकिन्स प्रतिभाशाली युवा प्रतिभा केंद्र (वीटीवाई) के तहत एसएटी, एसीटी या इसी तरह के मूल्यांकन में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है।
वह 84 देशों के लगभग 19,000 विद्यार्थियों में से एक थी, जो 2020-21 प्रतिभा खोज वर्ष में सीटीवाई में शामिल हुई थी। सीटीवाई दुनिया भर के मेधावी छात्रों की पहचान करने और उनकी वास्तविक शैक्षणिक क्षमताओं की एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने के लिए ‘अबव ग्रेड-लेवल परीक्षा आयोजित करता है।
पेरी ने 2021 में यह परीक्षा दी थी जब वह पांचवी कक्षा में थी। वह ‘जॉन्स हॉपकिन्स सीटीवाई के “उच्च सम्मान पुरस्कार में जगह बनाने में सफल रही।
पेरी ने कहा, “यह मुझे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।” साथ ही कहा कि डूडल बनाने और जे आर आर टोलकिन के उपन्यासों को पढ़ने से उनको मदद मिली।