उत्तराखंड के राजभवन में शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ‘‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार’’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष 2024 के लिए चयनित 16 शिक्षकों को सम्मानित किया।
इस वर्ष 09 प्रारंभिक, 05 माध्यमिक, 01 शिक्षक प्रशिक्षक और 01 संस्कृत शिक्षक को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया। राज्यपाल ने सम्मानित शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि ये पुरस्कार पूरे शिक्षक समुदाय की मेहनत और समर्पण का प्रतीक हैं। उन्होंने शिक्षा को केवल रोजगार तक सीमित न रखकर बच्चों को संस्कारवान और जिम्मेदार नागरिक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि आज के डिजिटल युग में बच्चों को सही दिशा देना और उनमें विवेक जाग्रत करना शिक्षकों की अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए शैलेश मटियानी के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि मटियानी जी ने उत्तराखंड के पर्वतीय जनजीवन की पीड़ा और संवेदनाओं को अपनी कहानियों में जीवंत रूप से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जैसे ‘बाल वाटिका’, ‘कौशलम कार्यक्रम’ और राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा की शुरुआत। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला पहला राज्य है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग के नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1340 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासेस और 950 में स्मार्ट क्लासेस शुरू हो चुकी हैं। 550 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं और 22,000 प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट दिए गए हैं। इस वर्ष करीब 9500 शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है।
समारोह में स्वर्गीय शैलेश मटियानी के पुत्र राकेश मटियानी, गीता मटियानी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने अतिथियों का स्वागत किया जबकि अपर सचिव रंजना राजगुरु ने आभार व्यक्त किया।







