न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। देश में कोरोना के मामले फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं। एक सप्ताह में केस दोगुने हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में 2541 मरीज मिले हैं। ऐसे में कई लोग चौथी लहर की आशंका जता चुके हैं, मगर उत्तराखंड इस मामले में अभी राहत महसूस कर रहा है। यहां 24 घंटे में केवल 12 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की अपील करते हुए राज्य में भी कोरोना (XE variant of Corona in Uttarakhand) के मामलों के तेजी से बढ़ने की आशंका जताने लगे हैं। अब एम्स ऋषिकेश ने भी नई और परेशान करने वाली खबर दी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने कहा है कि उत्तराखंड में भी अगले महीन से संक्रमण दर में तेजी से वृद्धि की आशंका है, जो जून से जुलाई के बीच चरम काल में पहुंच सकता है। एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने कहा है कि मई में उत्तराखंड में ओमिक्रॉन के वैरिएंट एक्सई (XE variant of Corona in Uttarakhand) के मामले तेजी से सामने आ सकते हैं। एक्सई वैरिएंट के संक्रमण की दर ओमिक्रॉन से दोगुनी है। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी हो गया है।
डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट एक्सई (XE variant of Corona in Uttarakhand) भी अब देश में दस्तक दे चुका है। यह ओमिक्रॉन का ही सबम्यूटेंट है। यही कारण है कि इसकी संक्रमण दर ओमिक्रॉन से दोगुनी है। इससे तय है कि देशभर में एक्सई वैरिएंट के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ेंगे। मई के पहले से दूसरे सप्ताह के बीच उत्तराखंड में एक्सई वैरिएंट के मामले सामने आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण की दर को देखते हुए जून से जुलाई के बीच इसके चरम पर पहुंचने की आशंका है। हालांकि, ओमिक्रॉन की तरह ही एक्सई वैरिएंट के गंभीर परिणाम सामने आने की संभावना बेहद कम है।
यहां ये बात दे रही राहत
डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के कारण लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बनी है। इसलिए अधिकांश लोगों में संक्रमित होने के बाद सर्दी जुकाम जैसे लक्षण ही नजर आएंगे। गंभीर रूप से बीमार और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ही संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इसलिए गंभीर बीमारों, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए को भी कोरोना सुरक्षा नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने और हाथों को सैनिटाइज करने जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है।
बच्चों का रखें विशेष ध्यान
डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि विदेशों में एक्सई वैरिएंट (XE variant of Corona in Uttarakhand) के जो संक्रमण के मामले सामने आए हैं उनमें 20 प्रतिशत संक्रमित बच्चे हैं। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए उनको मास्क पहनने, शारीरिक दूरी और सैनिटाइजेशन जैसे सुरक्षा नियमों को लेकर जागरूक करना बहुत जरूरी है।
किस तरह का है एक्सई वैरिएंट
विशेषज्ञों के मुताबिक एक्सई वैरिएंट ओमिक्रॉन के बीए.1 और बीए.2 का मिश्रित रूप या हाइब्रिड ऑफ टू सबलीनिएज है। इसकी संक्रमण दर ओमिक्रॉन के मुकाबले दोगुनी है। नए वैरिएंट को लेकर शोध कार्य चल रहे हैं।
ये हैं एक्सई वैरिएंट के लक्षण
बुखार, गले में खराश, गले में दर्द, कफ, सर्दी, त्वचा में जलन, त्वचा का रंग बदलना, दस्त।
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