उत्तराखंड में अवैध प्लॉटिंग और अनियमित निर्माण पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इसी क्रम में जिला विकास प्राधिकरण ने ऐसे मामलों पर निगरानी तेज कर दी है। प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ला के अनुसार, शासन के निर्देश पर नैनीताल जिले में पिछले एक वर्ष के भीतर 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों की बड़े स्तर पर जांच की गई। स्टांप पेपर पर हुई खरीदी-बिक्री की वैधता सुनिश्चित करने के लिए विशेष सर्वे अभियान चलाया गया।
अभियान के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में 1,000 से अधिक मकानों का सर्वे किया गया। रिपोर्ट आने के बाद कई मामलों में गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं, जिसके बाद नियमों के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सचिव शुक्ला ने बताया कि अब तक 600 लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। इनमें से कई मामलों में प्राधिकरण द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है। यह अभियान मुख्यत: नैनीताल, भीमताल, हल्द्वानी और रामनगर में चलाया गया, जहाँ छोटे भूखंडों पर अवैध निर्माण की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं।
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों की स्टाम्प पर खरीद–फरोख़्त मान्य नहीं होगी। ऐसे प्लॉटों पर किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई तय है।
जिला विकास प्राधिकरण ने लोगों को आगाह किया है कि बिना स्वीकृत नक्शे, बिना रजिस्ट्रेशन और नियमन से हटकर की गई संपत्ति खरीद–फरोख़्त आर्थिक नुकसान और भवन ध्वस्तीकरण की स्थिति तक पहुंचा सकती है। लोगों से आग्रह किया गया है कि किसी भी प्रकार की संपत्ति खरीद से पहले सभी नियमों की जानकारी अवश्य लें।
सचिव ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में यह अभियान और अधिक कड़ाई के साथ चलाया जाएगा, ताकि शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल रही अवैध कॉलोनियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके। इस दिशा में जिला प्रशासन, तहसील और राजस्व विभाग के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई जारी रहेगी।



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