न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक बार फिर एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लैंडिग रेट) में वृद्धि कर दी है (State Bank of India increased MCLR) । नई दरें 15 मई यानी रविवार से ही लागू हो गई हैं। यह बैंक द्वारा एमसीएलआर में इस महीने की दूसरी बढ़ोतरी है। बैंक ने 10 बेसिस पॉइंट यानी 0.10 फीसदी की वृद्धि हर समयावधि (टेन्योर) के लिए की है।
एसबीआई का ओवरनाइट, एक माह और तीन माह का एमसीएलआर (State Bank of India increased MCLR) अब 6.75 फीसदी बढ़कर 6.85 फीसदी हो गया है। 6 माह का एमसीएलआर 7.15 फीसदी, एक साल के लिए 7.20 फीसदी, 2 साल के लिए 7.40 फीसदी और तीन साल के लिए यह बढ़कर 7.50 फीसदी हो गया है।
ये होगा असर
एमसीएलआर में वृद्धि (State Bank of India increased MCLR) से ग्राहकों द्वारा लिए गए लोन की मासिक ईएमआई में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही नए ग्राहकों के लिए भी लोन महंगा हो जाएगा। बैंक का यह फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद आया है। आरबीआई ने 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। गौरतलब है कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि कर सकती है जिससे बैंकों से लोन लेना और महंगा हो जाएगा। बता दें कि एसबीआई द्वारा बांटे गए लोन्स में सबसे अधिक हिस्सा (53.1 फीसदी) एमसीएलआर संबंधी लोन का ही है। हाल ही में बैंक ने 2 करोड़ रुपये की एफडी पर ब्याज दर में 40-90 बेसिस पॉइंट बढ़ाए थे।
बैंक के इस निर्णय पर एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि इस वृद्धि (State Bank of India increased MCLR) से बैंक के मार्जिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अधिकांश लोन लगातार बदलने वाली दरों पर ही आधारित हैं। इसका मतलब है कि जैसे ही रेपो रेट में बदलाव होगा इनमें भी बदलवा कर दिया जाएगा।
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