ऋषिकेश : कोरोना संक्रमण के साथ तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामलों को लेकर चिकित्सक चिंतित दिख रहे हैं। इसीलिए ऋषिकेश एम्स के चिकित्सकों ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 40 से 60 साल उम्र के लोग ज्यादा सतर्कता बरतें। डायबिटीज ग्रसित कोरोना मरीजों में फंगस फैलने का खतरा ज्यादा है। लिहाजा यह लोग हर रोज अपनी शुगर जांचते रहें।
घातक एंजियोइनवेसिव फंगल संक्रमण म्यूकर माइकोसिस से ग्रसित रोगियों की संख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में म्यूकर माइकोसिस का पहला मरीज 30 अप्रैल को आया था। आंकड़े तस्दीक करते हैं कि मात्र एक महीने में ही रोगियों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हो गई। वर्तमान में यहां इस घातक बीमारी से ग्रसित 118 मरीज आ चुके हैं। कुल 66 पुरूषों के अलावा इनमें 42 महिलाएं शामिल हैं। खास बात यह है कि इन सभी रोगियों को डायबिटीज की समस्या है। इनमें एक भी मरीज ऐसा नहीं जिसे डायबिटीज की शिकायत न हो।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि 40 से 60 साल की उम्र वाले अधिकांश लोग में या तो डायबिटीज की समस्या हो जाती है या डायबिटीज होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। ऐसे में कोविड होने पर यदि इस उम्र के लोग ने स्टेरॉयड का सेवन अधिक मात्रा में किया हो तो ऐसे मरीजों में म्यूकर माइकोसिस का फंगस तेजी से पनपता है। उन्होंने कहा कि इस उम्र के कोरोना मरीजों को अपने शुगर पर नियन्त्रण रखना बहुत जरूरी है।
म्यूकर माइकोसिस ट्रीटमेन्ट टीम हेड और ईएनटी सर्जन डा. अमित त्यागी ने बताया कि कोविड होने पर चिकित्सकों की सलाह के बिना स्टेरॉयड का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। फंगस संक्रमण की दृष्टि से ऐसा करना बेहद घातक सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा ठीक होने के अगले छह हफ्ते बाद तक भी कोविड मरीज को अपने शुगर लेवल की दैनिक तौर से जांच करवानी चाहिए। ताकि शुगर लेवल बढ़ने पर उसे समय रहते नियन्त्रित किया जा सके। डॉ. त्यागी ने इस घातक बीमारी के बचने के लिए निम्न बातों को अपनाने की सलाह दी।
बचाव और सावधानियां —-
बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड का सेवन न करें।
कोविड मरीज धूल वाले स्थानों पर न जाएं।
अपने आस-पास सड़े-गले पदाथों को नष्ट कर दें।
बागवानी का कार्य बिल्कुल न करें।
बिना मास्क के घर से बाहर न जाएं।
शुगर लेवल की दैनिक तौर पर जांच करवाएं।
स्टेरॉयड लिए बिना भी फंगस का खतरा
एम्स में भर्ती म्यूकर के मरीजों में 30 से अधिक ऐसे मरीज भी हैं, जिन्होंने कोविड होने के दौरान स्टेरॉयड का सेवन नहीं किया। इसके बावजूद वह म्यूकर फंगस से संक्रमित हैं। इस बारे में डॉ. त्यागी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से रक्त में होने वाले दुष्प्रभाव को प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मरीज के रक्त में मौजूद हीमोग्लोबीन को विखंडित कर आयरन तत्व की मात्रा बढ़ा देता है। ऐसे में इम्यूनिटी कमजोर होने और मरीज के रक्त में आयरन की मात्रा बढ़ जाने से म्यूकर माइकोसिस के फंगस को तेजी से पनपने की अनुकूल स्थिति मिल जाती है।