नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (harish ravat) की पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के पद से हटाए जाने की मांग हाईकमान ने स्वीकार कर ली है। शुक्रवार को कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने उनको पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के पद से मुक्त करते हुए अब पूरी तरह उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में जुटने के लिए फ्री कर दिया है। इधर पंजाब में इसी नाम के दूसरे नेता हरीश चौधरी को प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है।
हरीश चौधरी पंजाब और चंडीगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का कार्यभार देखेंगे। हरीश चौधरी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री हैं और पंजाब में उनकी खासी पकड़ मानी जाती है। हरीश चौधरी का लंबे समय से नाम भी चल रहा था।
ध्यान रहे उत्तराखंड चुनाव को लेकर हरीश रावत. (harish ravat) यहां पूरी तरह सक्रिय होना चाहते हैं, लेकिन पंजाब कांग्रेस में तेजी के साथ हो रही उठापटक के चलते उनको बार-बार वहां जाना पड़ रहा था। ऐसे में उन्होंो हाईकमान के सामने चुनावी व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए पंजाब प्रदेश प्रभारी के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया था ताकि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान वे सक्रिय रहकर अपनी सक्रियता राज्य को दे सकें। काफी समय बाद हाईकमान ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। हरीश रावत (harish ravat) उत्तराखण्ड कांग्रेस की चुुुनाव अभियान समति के चेयरमैन भी बनाए गए हैैं।
नवजोत सिंह सिद्धू और चन्नी के बीच कराई थी बात
हरीश चौधरी ने पंजाब में प्रदेशाध्यक्ष पद छोड़ने वाले नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के बीच मुलाकात कराई थी और सुलह का प्रयास किया था। हरीश चौधरी कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व के करीबी भी कहलाते हैं और वह अक्सर उन मामलों में अधिक सक्रियता दिखाते हैं जिससे पार्टी के नुकसान को रोका जा सके। हरीश रावत (harish ravat) ने जब हाईकमान से यह अनुरोध किया था कि वह पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारो का पद छोड़ना चाहते हैं तभी हरीश चौधरी ले नाम की चर्चा शुरू हो गई थी।