न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। प्रधानमंत्री के कृषि कानूनों की वापसी के एलान का भारतीय किसान यूनियन के (भाकियू) राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने स्वागत किया है। चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। इसका हम स्वागत करते हैं।
चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अच्छी पहल की है। किसानों के साथ धोखा नहीं होना चाहिए था। हालांकि, लंबा समय लगा है। खैर, अगला निर्णय तो किसान मोर्चा को ही लेना है। सभी से बात होगी, उसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहीद किसानों की आत्मा को सरकार के इस फैसले के बाद शांति मिलेगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन में सात सौ किसान शहीद हुए हैं। किसानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने एक कहावत भी कही, न तुम जीते, न हम हारे… यह बराबर की बात हो गई है। जब उनसे आंदोलन खत्म करने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि एक साल तक चले आंदोलन को घंटों में खत्म नहीं किया जाएगा। बातचीत होगी। संयुक्त मोर्चा से विचार विमर्श के बाद ही आंदोलन वापसी पर फैसला होगा। चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने किसान आंदोलन के दौरान आम लोगों को हुई परेशानी पर भी दुख जताया। कहा कि हमारी मंशा किसी को परेशान करने की नहीं थी। किसान खुद परेशान थे। एक साल के आंदोलन के दौरान हमने कोशिश करके किसी को परेशान नहीं होने दिया। सभी परेशानियों का किसानों ने खुद सामना किया।
चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हम पर कई आरोप लगे। हमें आतंकवादी, खालिस्तानी, आंदोलनजीवी तक कहा गया। खैर, अब प्रधानमंत्रीजी ने बढ़िया पहल की है। उन्होंने राजा का कर्तव्य निभाया है। किसानों का साथ दिया है। जनहित का बात की है। इस पहल का स्वागत है।
उन्होंने आंदोलन में भाग लेने वाले सभी किसानों को धन्यवाद दिया। साथ ही अपील की कि किसान देशहित के विरुद्ध कोई भी काम न करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के विरुद्ध इस तरह के अब कोई काम न करे, ताकि हमें ऐसे आंदोलन के लिए विवश होना पड़े, जब उनसे पूछा गया कि आगामी 2022 के चुनाव के मद्देनजर क्या सरकार ने यह फैसला लिया है तो उन्होंने जवाब दिया कि हो सकता है। किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई है। इस वजह से ही यह फैसला लिया गया है।
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