नैनीताल में रिश्वत लेते मुख्य कोषाधिकारी और अकाउंटेंट गिरफ्तार

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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर सख्त कार्रवाई हुई है। कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में सतर्कता अधिष्ठान ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।

मामले की जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता न्यायालय नैनीताल में कार्यरत है। उसने सतर्कता अधिष्ठान को बताया कि उसकी और पांच अन्य कर्मचारियों की एसीपी (Assured Career Progression) की फाइल लंबित है। तीन सदस्यीय समिति में से दो सदस्यों ने दस्तावेजों पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा जानबूझकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे।

शिकायतकर्ता को बताया गया कि दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए प्रति व्यक्ति ₹50,000 की रिश्वत देनी होगी। कुल छह लोगों से ₹3 लाख की मांग की गई, जिनमें से शिकायतकर्ता से ₹1.20 लाख की रिश्वत ली जानी थी।

मुख्य कोषाधिकारी के निर्देश पर अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी ने शिकायतकर्ता से संपर्क किया और उसे कार्यालय बुलाकर रिश्वत का सौदा तय किया। मामले की पुष्टि के बाद सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी सेक्टर के पुलिस उपाधीक्षक के निर्देशन में एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। निरीक्षक के नेतृत्व में शुक्रवार को कार्रवाई की गई, जिसमें दोनों अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा, निवासी सैनिक स्कूल के पीछे नैनीताल, और अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी, निवासी गैस गोदाम रोड, हल्द्वानी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

इस साहसिक कार्रवाई के लिए सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने ट्रैप टीम को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने आम जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि शिकायतें दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क किया जा सकता है।