न्यूज जंक्शन 24, देहरदाून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के सदमे से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के अंदर हंगामा मच गया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच फिर से जुबानी जंग शुरू हो गई है। चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत के रामनगर सीट से दावेदारी करने पर बीते रोज नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए थे। अब हरीश रावत (war of words between Harda and Pritam) ने उस बयान पर प्रीतम सिंह पर पलटवार किया है और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी परोक्ष रूप से हमला बोला है।
हरीश रावत (Harda) ने कहा कि, ‘प्रीतम सिंह ने एक बहुत सटीक बात कही कि आप जब तक किसी क्षेत्र में 5 साल काम नहीं करेंगे तो आपको वहां चुनाव लड़ने नहीं पहुंचना चाहिए। फसल कोई बोये, काटने कोई और पहुंच जाए। लेकिन मैं तो चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव प्रचार करना चाहता था। स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राय दी गई कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए।’
हरीश रावत (Harda) ने कहा, ‘पार्टी की सहमति पर ही मैं रामनगर से चुनाव लड़ना चाहता था। पार्टी ने टिकट भी दिया और जब रामनगर में कार्यालय खोलने के बाद नामांकन करने निकला तो रास्ते में सूचना दी गई कि मुझे अब रामनगर से नहीं, लालकुआं से लड़ना है। मैंन इस पर असहमति जताई तो प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि मेरे असहमति जताने से पार्टी को परेशानी होगी। इस पर मैं लालकुआं से चुनाव लड़ने को तैयार हुआ।’
हरीश रावत (Harda) ने कहा, ‘वर्ष 2017 में भी मैं रामनगर से चुनाव लड़ना चाहता था, पर मेेरे पुराने सलाहकार रणजीत रावत की गुजारिश ने रामनगर से लड़ने की इच्छा जताई और मुझे किच्छा भेज दिया गया था। इस बार भी मुझे रामनगर से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का था और मुझे रामनगर के बजाय लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का ही था।’
हरीश रावत ने कहा, ‘मैं सभी उम्मीदवारों की हार का उत्तरदायित्व अपने सर पर ले चुका हूं। सभी को मुझ पर गुस्सा निकालने, खरी खोटी सुनाने का हक है। पर सत्य की अनदेखी भी नहीं होनी चाहिए।’
हरदा को इस दम पर हराया सुनिए | मोहन बिष्ट का खुलासा – YouTube


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