न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी : प्रदेश में प्रचंड बहुमत पाने वाली भाजपा सरकार में फिर मुख्यमंत्री पद पाने वाले पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dhaami) को लेकर कांग्रेस (congress) ने बड़ा हमला बोला है। उत्तराखंड कांग्रेस (uttrakhand congress) के फायरब्रांड नेता और प्रदेश महामंत्री वरुण प्रताप सिंह भाकुनी ने कहा है कि भाजपा (bjp) का जब से उदय हुआ है तब से ही कांग्रेस पार्टी के ऊपर पत्थर फेंकने का काम किया। भाजपा का अस्तित्व ही कांग्रेस पार्टी के विरोध पर टिका हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जनाधारविहीन नेता बताया।
युवा नेता भाकुनी ने जारी प्रेस नोट में कहा कि अपने को हमेशा जनता की आंखों में धूल झोंककर, नैतिकता के उच्च धरातल पर विराजमान बताने वाली भाजपा ने देश की भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाकर आज यह मुकाम हासिल किया है। इनकी तथाकथित नैतिकता अब सबके सामने है और इनका चरित्र भी की जनता इनकी नजरों में एक दुधारू गाय के सिवाय और कुछ नहीं, जिसका दूध दुहकर खदेड़ दिया जाता है।
भाकुनी ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि जिन पुष्कर धामी जी को उनके क्षेत्र की जनता ने नकार दिया और अपनी पसंद के रूप में कांग्रेस के प्रत्याशी भुवन कापड़ी जी को जनादेश देकर विधानसभा पहुचाया। आज भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जनता द्वारा नकारे जा चुके व्यक्ति को उत्तराखंड की जनता का नुमाइंदा बना दिया।
उन्होंने कहा कि धामी की जनता में स्वीकार्यता कितनी है वह उसके पूर्व के दो कार्यकालों में प्राप्त जनमत से साफ पता चलता है।धामी जी 2017 में मोदी लहर की वजह से 2700 मतों से चुनाव जीते, जबकि इस बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी 7000 मतों से पराजित हुए। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि वे एक जननेता न होकर मात्र एक थोपे हुए नेता हैं।
भाकुनी यहीं नहीं रुके बल्कि यह भी कहा कि देश को यह भी पता चला कि भाजपा में आज भी केवल दो ही व्यक्ति सर्वोपरि हैं, मोदीजी और अमित शाह जी। पूरी पार्टी इनके इशारे पर नाचती है, इन्हीं के हाथों की कठपुतली है। जो भाजपा कांग्रेस पर हमेशा से परिवार वाद का आरोप लगाती रही है उसने क्या किया? कांग्रेस के नेताओ को कांग्रेस पार्टी से तोड़कर भाजपा में शामिल कर के जीत हासिल की और सत्ता पर काबिज हो गई, इससे यह बात साफ हो गई कि बिना कांग्रेस के भाजपा का कोई अस्तिव नहीं। फिर कांग्रेस पर ही आरोप क्यों? 8 साल केंद्र की सत्ता में रहने के बाद भी भाजपा को अपने विकास कार्यो पर भरोसा नहीं है, बल्कि वोटों के ध्रुवीकरण के दम पर सत्ता हासिल करती इस भाजपा का चरित्र देश ने अपनी आंखों से देख लिया है। भाजपा कुछ ही लोगों की पार्टी है, जहाँ सिर्फ गिने चुने नेताओ की चलती है। भाजपा का कोई नेता, विधायक स्वेच्छा से जनता का कोई काम कर ही नहीं पाता। अधिकारी वर्ग भाजपा के इन नेता-विधायकों की कुछ सुनता ही नहीं। अगर कोई अधिकारी किसी भाजपा नेता की नहीं सुने और वह नेता अधिकारी को डांट दे तो वह अधिकारी इनके वरिष्ठ नेताओं या संघ के किसी नेता को उसकी शिकायत कर देता है और वह बड़ा नेता उस नेता या विधायक को डपट देता है कि तुम कैसे डांट रहे हो अधिकारी को? कुल मिलाकर भाजपा के नेता जनता के काम कराने में बुरी तरह असफल हैं।



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