न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराखंड के एक दूरदराज के मतदान केंद्र की एक घंटे की पैदल यात्रा के कुछ दिनों बाद मंगलवार को चुनाव आयोग ने ऐसे मतदान केंद्रों पर जाने वाले मतदान अधिकारियों के पारिश्रमिक को दोगुना करने का फैसला किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एक तरह सार्वजनिक शर्म की बात है क्योंकि चुनाव क्षेत्रों में लोगों को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत कर्मचारियों द्वारा मतदान की सुविधा के उद्देश्य से एक दिन की छुट्टी मिलती है। आयोग ने दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी करने वाले मतदान कर्मियों के समर्पण के साथ सहानुभूति रखते हुए मतदान केंद्रों पर जाने वाले मतदान अधिकारियों के पारिश्रमिक को तीन दिन पहले दोगुना करने का फैसला किया। अब तक मतदान अधिकारियों के लिए एक ही दिन का पारिश्रमिक हुआ करता था।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने की थी 18 किमी की पैदल यात्रा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कुछ दिन पहले ही 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चमोली जिले में स्थित उत्तराखंड के सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र दुमक और कलगोथ गांव पहुंचे थे। यहां तक पहुंचने के लिए मतदान दलों को 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। सीएसी ने इस बूथ तक खुद जाने का निर्णय लिया और पैदल ही चल पड़े।
सीईसी राजीव कुमार का कहना है कि दुमक गांव में यह मतदान केंद्र दूरस्थ स्थान पर है। मैं उन मतदान कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना चाहता हूं जिन्हें हर चुनाव से पहले ऐसे क्षेत्रों में पहुंचने के लिए लगभग तीन दिन लग जाते हैं। सीईसी ने गांव में मतदाताओं का भी हौसला बढ़ाया। सीईसी का कहना था कि जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड में बूथों तक पहुंचना एक मुश्किल काम है, लेकिन सभी बाधाओं को हराकर चुनाव अधिकारी मतदान से 3 दिन पहले बूथों पर पहुंच जाते हैं।



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