न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। राज्य बनने के दो दशक बाद भी लोगों की स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी न होने पर स्वराज हिंद फौज ने चिंता व्यक्त की है। रविवारको तिकोनिया स्थित लोनिवि गेस्ट हाउस बैठक करते हुए स्वराज हिंद फौज के संस्थापक एवं केन्द्रीय अध्यक्ष सुशील भट्ट कहा कि राज्य निर्माण के 22 वर्षों बाद भी उत्तराखंड में बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पाई हैं, जबकि उत्तराखण्ड के साथ बने अन्य राज्य आज विकास व तरक्की की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तासीन सरकारों की उपेक्षा के चलते अब तक उत्तराखण्ड के सैकड़ों गांव खाली हो चुके हैं। अपर्याप्त रोजगार के चलते लोग पलायन करने को मजबूर हैं तथा राज्य की पहचान जल, जंगल व जमीन तीनों बिक चुके हैं, जो बहुत चिंता का विषय है। पलायन रोकने के लिए राज्य में अनिवार्य चकबंदी लागू करना बहुत जरूरी हो गया है वरना राज्य की मूल अवधारण ही समाप्त हो जाएगी।
सुशील भट्ट ने कहा कि आज देश में असहिष्णुता चरम पर है। कुछ लोग देश में साम्प्रदायिकता का जहर फैलाकर देश की एकता और अखण्डता को खण्डित करना चाहते हैं। आज देश के चारों और धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। जिससे देश की स्थिति काफी संकटपूर्ण एवं दुर्भाग्यपूर्ण हो गयी है। आज देश की संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग किया जा रहा है तथा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य रूप से संगठन के सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाने के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी व साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर एक ठोस रणनीति बनाकर आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई, जिसके लिए संस्थापक अध्यक्ष सुशील भट्ट ने स्वराज हिंद फौज के कार्यकर्ताओं को संगठन में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का आह्वान किया। सुशील भट्ट ने कहा कि संगठन को संक्रिय करने के लिए हर महीने के पहले रविवार को स्वराज हिंद फौज की मासिक बैठक का आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर बैठक में मुख्य रूप से गिरीश चन्द्र लोहनी, सुरेश चन्द्र कपिल, डॉ० अवधेश तिवारी, देवेन्द्र कुमार पाण्डे, आशा शुक्ला, प्रदीप पाठक, सुलेमान मलिक, चम्पा त्रिपाठी, मंजू शाह, गोपाल खनायत, एम०के शर्मा, जाकिर हुसैन, प्रेम प्रकाश सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे ।
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