भारत दुनिया में मोटापे का शिकार दूसरा सबसे बड़ा देश है। वर्ल्ड ओबिसिटी फेडरेशन के वैश्विक सर्वे के मुताबिक, दुनिया में करीब 15 करोड़ बच्चे और किशोर मोटापे से ग्रसित हैं और चीन के बाद भारत में मोटापे से ग्रसित सबसे ज्यादा बच्चे हैं।
अगले दस सालों में यह संख्या 25 करोड़ पहुंच जाएगी। संगठन की चाइल्डहुड ओबिसिटी रिपोर्ट के मुताबिक, पांच से 19 साल के आयुवर्ग में चीन के 6.19 करोड़ और भारत के 2.75 करोड़ बच्चे इसकी जद में हैं। अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि अगले एक दशक में बच्चों का मोटापा बड़ी महामारी का रूप ले लेगी।
बच्चों में मोटापे का बोझ झेलने वाले बड़े देशों में ब्राजील, मैक्सिको, नाइजीरिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी हैं।
रिपोर्ट के लेखक टिम लॉबस्टीन का कहना है कि धरती के लिए ग्लोबल वार्मिंग की तरह मोटापा मानव जीवन के लिए बड़ा वैश्विक संकट बन रहा है। इससे दुनिया में मधुमेह की दवाओं और वजन कम करने के लिए सर्जरी की मांग भी तेजी से बढ़ेगी।
ये हैं प्रमुख कारण
फास्टफूड की बढ़ती उपलब्धता
मोबाइल-टीवी पर ज्यादा वक्त बिताना
ज्यादा समय गाड़ियों में यात्रा करना
शारीरिक श्रम की कमी
बीमारियों का बोझ
हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल और श्वसन समस्या
हड्डियों और जोड़ों में परेशानी का खतरा
मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर के मामले बढ़ेंगे
बच्चों को बाद में सर्जरी कराने की जरूरत ज्यादा