देहरादून। उत्तराखंड के 40 हजार से अधिक टीईटी पास प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए राहत की खबर है। शिक्षक बनने का सपना संजोए इन बेरोजगारों को अब हर सात साल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास नहीं करनी होगी। उत्तराखंड टीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उत्तराखंड टीईटी के प्रमाणपत्रों को भी सात साल के बजाय आजीवन मान्य किया जाएगा। इस संबंध में जल्द आदेश जारी किया जाएगा।
एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) की ओर से सभी राज्य सरकारों के सचिवों और संघ राज्य क्षेत्रों के शिक्षा आयुक्तों को टीईटी को आजीवन मान्य किए जाने के संबंध में पत्र लिखा गया है, जिसके आधार पर अब प्रदेश के 40 हजार से अधिक टीईटी पास प्रशिक्षित बेरोजगारों को राहत देने की तैयारी है।
अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन मान्य किए जाने का आदेश दिया जा चुका है। अब जल्द ही इस संबंध में उत्तराखंड में भी आदेश जारी हो सकता है। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से भी टीईटी पास प्रशिक्षित बेरोजगारों के प्रमाणपत्रों को आजीवन मान्य किए जाने के आदेश दिया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद इस संबंध में एनसीटीई के सदस्य सचिव केसांग यांगजोम शेरपा की ओर से सभी राज्य सरकारों के सचिवों को इस संबंध में लिखा गया है। एनसीटीई की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जिन अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को सात साल हो चुके हैं उन्हें राज्य सरकारों की ओर से नए प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे।