पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे पर मंथन में जुटी सरकार, बैठक पर बैठक, पर अभी नतीजा सिफर, अब यह बोली सरकार

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देहरादून। पुलिसकर्मियों के 4600 ग्रेड पे का मामला अब तूल पकड़ चुका है। पुलिसकर्मियों के परिवार की महिलाएं काफी समय से इसे लेकर आंदोलित हैं। इस बारे में फैसला लेने के लिए मंगलवार को सरकार की ओर से उपसमिति की बैठक हुई है, मगर इसमें भी ग्रेड पे को लेकर कोई निर्णायक फैसला नहीं आ पाया। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अभी इस मामले पर मंथन जारी है।

धामी मंत्रिमंडल ने पुलिस ग्रेड पे को लेकर उपसमिति गठित की है, जिसके अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल हैं। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया पुलिस ग्रेड पे को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। पुलिसकर्मियों की मांग जायज है, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई बीच का रास्ता निकालना होगा। एकतरफा फैसले से अन्य विभागों में विसंगतियां बढ़ सकती हैं।

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कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बैठक के बारे में कहा कि बैठक में पुलिसकर्मियों से संबंधित डाटा इत्यादि संकलन को लेकर निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डाटा और आंकड़ों पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ अन्य दौर की वार्ता के बाद पुलिस ग्रेड पे पर कुछ समाधान निकल पाएगा।

यहां समझे पूरा मामला

सरकारी सेवा में पहले 10 वर्ष, 16 वर्ष और 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन दी जाती थी। प्रमोशन न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को उस पद का ग्रेड वेतन दिया जाता था। छठे वेतनमान के बाद अब 10 वर्ष, 20 वर्ष और 30 वर्ष में पदोन्नति देने का प्रावधान किया गया है। इसमें अंतर यह है कि अब प्रमोशन न होने पर अगले पद का वेतनमान नहीं, बल्कि अगला ग्रेड वेतन दिया जाएगा. पुलिस के जवानों का पहला ग्रेड वेतन 2400 का है। प्रमोशन न होने की स्थिति में उन्हें अगला ग्रेड वेतन 2800 रुपये का मिलेगा, जो पहले 4600 रुपये था। ऐसे में पुलिसकर्मी इसी ग्रेड वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस के जवान इस समय 4600 ग्रेड पे को लेकर आक्रोशित हैं। अनुशासित बल होने के नाते पुलिसकर्मी स्वयं तो आंदोलन नहीं कर रहे हैं. लेकिन, उनके परिजन इस आंदोलन की कमान संभाले हुए हैं।

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