न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच जंग के हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। अब तो रूसी राष्ट्रपति ने परमाणु हथियार तैयार रखने का आदेश दे दिया है, जिससे यह जंग खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। ऐसे में वहां फंसे भारतीयों (Indian students) और उनके घरवालों की चिंता ज्यादा बढ़ गई है। सरकार भी अभी तक पांच फ्लाइट से करीब 1100 लोगों को ही वापस बुला पाई है, जबकि वहां करीब 15 हजार लोगों के होने का अनुमान है। ऐसे में सरकार ने अब नया निर्णय लिया है।
यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने एक बार फिर आज उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने रविवार को भी एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि पीएम की उच्च स्तरीय बैठक दो घंटे से ज्यादा समय तक चली। इस दौरान पीएम ने कहा कि हमारे छात्रों (Indian students) की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि वहां फंसे छात्रों की निकासी के लिए कुछ केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा सकता है। ये मंत्री अन्य देशों के साथ छात्रों की निकासी में समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे।
ये मंत्री जा सकते हैं यूक्रेन के पड़ोसी देश
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू व जनरल वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों (Indian students) की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे।
आज और 249 भारतीय छात्र पहुंचे दिल्ली
यूक्रेन में फंसे 249 अन्य भारतीय छात्रों (Indian students) को लेकर पांचवी फ्लाइट दिल्ली पहुंच गई है। यह फ्लाइट करीब 6ः30 पर दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुई। अब तक करीब 1100 से ज्यादा भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है।
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