नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम तक अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। चर्चा है कि इस दाैरान कई फेरबदल हो सकते हैं। एक तरफ जहां आधा दर्जन मंत्रियों की छुट्टी करने की बात कही जा रही है, वहीं, चुनावी राज्य यूपी-उत्तराखंड समेत पांच राज्यों से 20 से 22 लोगों काे पीएम अपने मंत्रिमंडल में जगह दे सकते हैं। सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखते हुए उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल से ब्राह्मण, ओबीसी और दलित चेहरे को विस्तार में जगह मिलना तय बताया जा रहा है।
यूपी से इन नामों की हो रही चर्चा
कैबिनेट फेरबदल में जातीय गणित को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी यूपी से 4-5 नए चेहरों को अपने मंत्रिमंडल में जगह दे सकते हैं। वर्तमान में 52 सदस्यों वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में यूपी से 10 सदस्य शामिल हैं। यूपी से जिन लोगों को पीएम मोदी अपने मंत्रियों की लिस्ट में जगह दे सकते हैं, उनमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी, पूर्व प्रदेश मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी का नाम सामने आ रहा है। कैबिनेट विस्तार से पहले अनुप्रिया पटेल ने पति आशीष पटेल संग दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे और संतकबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। हालांकि चर्चा यह भी है कि अगर प्रवीण निषाद यूनियन कैबिनेट में शामिल नहीं हो पाते हैं तो उनके पिता संजय निषाद को योगी सरकार में जगह मिल सकती है। दलित चेहरे के रूप में इटावा से सांसद प्रफेसर राम शंकर कठेरिया को भी जगह देने की चर्चा है। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मानव संसाधन राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। कौशांबी से सांसद विनोद कुमार सोनकर और मोहनलाल गंज से सांसद कौशल किशोर भी केंद्रीय मंत्रिमंडल की रेस में शामिल हैं।
उत्तराखंड से इन चार नामों पर हो रही चर्चा
उत्तराखंड से जिन नामों के मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा है, उनमें पहला नाम नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट का है। उनके बाद राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री एवं पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत का नाम भी शामिल है। केंद्र में वर्तमान में उत्तराखंड से हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक शिक्षा मंत्री हैं। तीरथ सिंह रावत को मंत्रिमंडल में जगह देकर राजपूतों को साधने की कोशिश किए जाने की बात कही जा रही है। वैसे भी तीरथ को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अचानक साढ़े तीन महीने में विदाई दे दी गई थी। ऐसे में उनके मन की टीस दूर करने के लिए उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह देने की संभावना सबसे ज्यादा है।
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