न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के पूर्व पीसीसी चीफ व वर्तमान में टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय (Harda statement on Kishore Upadhyay) को लेकर बड़ा बयान दिया है। हरीश रावत ने किशोर उपाध्याय को अपना हनुमान बताते हुए कहा कि इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान रावण के कक्ष में बैठ गए थे।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर किए अपने पोस्ट में लिखा कि ”मैंने फेसबुक पर अपने पुराने दोस्त किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) की पोस्ट देखी। उन्होंने कहा है कि जब तक मैं उनका हनुमान था, तब तक वो आगे बढ़ते रहे। इस पर कोई संदेह नहीं है। मेरे जीवन को आगे बढ़ाने में जिन लोगों का महत्त्व है, उनमें किशोर उपाध्याय के महत्व को मैंने कभी नहीं झुठलाया।
हरीश रावत ने आगे अपने पोस्ट में लिखा कि ”इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान, रावण के कक्ष में बैठ गए, फिर भी कोई बात नहीं, वो आगे बढ़ें, मंत्री बनें हमारी कामना है फिर मुख्यमंत्री बनें और हनुमान हैं संजीवनी लाना उनका स्वभाव है। वनाधिकार की संजीवनी उत्तराखंड के लिए लेकर के आएं, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।
हरीश रावत ने ये पोस्ट किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) की उस प्रतिक्रिया पर किया है, जिसमें किशोर उपाध्याय ने कहा था हरीश रावत बडे़ नेता और उनके भाई हैं। आज कांग्रेस की जो हालत है, उस पर हरीश रावत को सोचना और विचार करना चाहिए। किशोर उपाध्याय ने तो यहां तक कहा था कि आज अगर हरीश रावत इतने बड़े नेता के तौर पर दिख रहे है तो उसके पीछे अगर कोई व्यक्ति है तो वह किशोर उपाध्याय ही है।
किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) ने कहा था कि अगर वे न होते तो हरीश रावत आज इतने बड़े नेता न होते। किशोर उपाध्याय ने कहा कि वे अब कांग्रेस और कांग्रेसियों की तरफ मुड़कर नहीं देखना चाहते हैं। एक बार जिस पन्ने को उन्होंने पलट दिया, दोबारा उस पन्ने को वे कभी पढ़ना नहीं चाहते हैं।
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