न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जैसे- जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे ही कई नेता ऐसा बयान दे रहे है जो राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रही है। अभी उत्तराखंड में मुस्लिम विश्वविद्यालय खोलने की बात कहने पर विरोधियों से घिरी कांग्रेस एक वरिष्ठ नेता (harish rawat dalit card) ने अब एक ऐसा बयान दिया है, जिसने फिर से पार्टी और विरोधियों में खलबली मचा दी है।
बात हो रही ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (harish rawat dalit card)। अभी तक खुद को पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा मानकर चल रहे हरदा ने चुनाव जीतने के लिए अब दलित कार्ड खेला है। उन्होंने प्रदेश में दलित सीएम (harish rawat dalit card) बनाने की बात कहते हुए यशपाल आर्य को इसके लिए सबसे काबिल व्यक्ति करार दे दिया है। इससे पहले हरदा पंजाब में भी दलित सीएम का कार्ड खेल चुके हैं।
गुरुवार को अपना प्रचार करने पहुंचे हरीश रावत (harish rawat dalit card) ने बरेली रोड़ के तीनपानी में आयोजित चुनावी सभा में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बाद राज्य में चीजों में थोड़ा बहुत हमने संभालने की कोशिश की है। अब आगे के लिए यदि हम देखते है तो हमें केवल यशपाल आर्या ही नजर आते है। कौन कहां पैदा हुआ है। इसका कोई महत्व नही है। महत्व इस बात का है कि व्यक्ति में कितनी क्षमता है। कल के उत्तराखंड को व आज के इस कुमाऊं संभाग को संभालने की क्षमता व ताकत है। उनकी इस बात को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है। इस बयान से कांग्रेस के अंदर और भाजपा में भी बैचेनी बढ़ गई थी।
प्रदेश में 20 फीसद सीटों पर दलितों का प्रभाव
उत्तराखंड में करीब 20 प्रतिशत दलित वोट बैंक है और 20 से ज्यादा सीटों पर इनका प्रभाव भी है। ऐसे में हरीश रावत की दलित कार्ड चलकर इस वर्ग के वोटरों को अपने पाले में करने की चाल चल दी है।
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