न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, कांग्रेस में चल रही अंतरकलह रह- रहकर सामने आ ही जाती है। चर्चा है कि इसी अंतरकलह के कारण पार्टी में पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने से अंदरूनी कलह उभरकर सामने आने का डर है। ऐसे में उत्तराखंड में चुनाव से पहले हरीश रावत का दर्द एक बार फिर बाहर आया है। इस बार उनका दर्द राज्य में चुनाव को लेकर हुए एक सर्वे के परिणामों के चलते जाहिर हुआ है।
दरअसल, हरीश रावत (Harish Rawat) को मुख्यमंत्री के रूप में सबसे बेहतर चेहरा सर्वे में बताया गया है, जिसके बाद हरीश रावत ने भाजपा के बहाने अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाने पर लेने में गुरेज नहीं किया। हरीश रावत कई बार खुद को सीएम चेहरा बनाए जाने की पैरवी करते हुए भी दिखाई दे चुके हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान को हरीश रावत (Harish Rawat) चेहरे के रूप में पसंद नहीं आ रहे। बस यही बात हरीश रावत का दर्द बनी हुई है। इस बार उन्होंने अपने सोशल अकाउंट पर अपने इस दर्द को एक सर्वे के कारण जाहिर किया है।
इस सर्वे में हरीश रावत (Harish Rawat) को प्रदेश में सबसे पसंदीदा चेहरा बताया गया है। हरीश रावत ने खुद को मिले इस तमगे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सबसे पसंदीदा चेहरा मानना लोगों की कृपा है और यह तब है जब पार्टी का इसमें कोई योगदान या शक्ति नहीं है। हरीश रावत ने लिखा कि उनकी पार्टी में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने (Harish Rawat) लिखा कि सत्ता की शक्ति उन्हें बदनाम करने की कोशिश में लगी हुई है और अपने और पराए दोनों ही उन्हें चुनाव से बेदखल करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने बेटे और बेटी का भी जिक्र किया और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी को कहते हुए मुख्यमंत्री रहते उनके लिए राजनीतिक रूप से कोई निर्णय नहीं लेने पर दुख भी जताया है।
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