न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कानूनी शिकंजे में फंसे रिटायर्ड आईएएस रामविलास यादव को रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। देहरादून के विजिलेंस मुख्यालय में यादव से संपत्ति जांच से जुड़े दस्तावेजों पर सवाल पूछे जा रहे हैं। विजिलेंस टीम को पूछताछ के लिए कोर्ट से एक दिन की रिमांड मिली है। उसी के तहत उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक संपत्तियों के बारे में रामविलास से सवाल जवाब किए जा रहे हैं। IAS रामविलास यादव पहले सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और मंडी परिषद में एडिशनल डायरेक्टर रह चुके हैं।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 522 गुना अधिक संपत्ति को लेकर उत्तराखंड की विजिलेंस रामविलास यादव के खिलाफ जांच कर रही है। 11 जून 2022 को विजिलेंस की टीम ने उत्तराखंड से लेकर यूपी के लखनऊ, गाजीपुर जैसे कई स्थानों में छापेमारी कर रामविलास की कई संपत्तियों का खुलासा किया था। इस पूरे मामले में रामविलास अभी तक पूछताछ और जांच में विदेश का सहयोग नहीं कर रहे थे। यही कारण था कि उन्हें 23 जून 2022 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आईएएस को गिरफ्तारी के बाद जेल भेजा गया हो। फिलहाल, रामविलास यादव न्यायिक हिरासत में 14 दिन की जेल काट रहे हैं। 6 जुलाई 2022 को उनकी कोर्ट में पेशी है। इससे पहले ही विजिलेंस रिमांड पर लेकर यादव से जांच से जुड़े अहम दस्तावेजों पर पूछताछ कर रही है।
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