उत्तराखंड के चंपावत जिले में सरकारी धन की हेराफेरी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें लाखों रुपये की राशि हड़पने का आरोप है। इस मामले में एक पिता-पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि जांच में विभागीय अधिकारियों की भी संलिप्तता उजागर होने का दावा किया जा रहा है। मामले की गहन जांच चल रही है।
चंपावत जिले के रीठा थाना पुलिस ने जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया है। थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट ने बताया कि 10 फरवरी 2025 को ग्राम सभा धरसो के ग्रामीणों और ग्राम प्रधान माधवी देवी ने शिकायत की थी कि उनके गांव में जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए पाइपलाइन में मरम्मत का कार्य बरसात के दौरान खराब हो गया था, जिससे पानी की आपूर्ति बंद हो गई थी। इस पर क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने जानकारी दी कि उनकी निधि से दो लाख रुपये की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी थी।
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने जब पाटी ब्लॉक कार्यालय में जांच की, तो पता चला कि भुवन चंद्र भट्ट और उनके पिता तिलोमनी भट्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की थी। भुवन चंद्र भट्ट ने अपने पिता को ठेकेदार बनाकर बिना काम किए ही दो लाख 35 हजार रुपये की निकासी कर ली थी। इसके बाद, प्रधान पति मोहन नाथ गोस्वामी ने रीठा साहिब थाना में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने जांच में पाया कि भुवन चंद्र भट्ट और उनके पिता ने बिना कोई कार्य किए, कागजात तैयार कर सरकारी धन निकाल लिया। इसके साथ ही यह भी पुष्टि हुई कि जल जीवन मिशन योजना के तहत कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ था।
थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट ने कहा कि जांच में यह भी सामने आया कि विभागीय अभियंता और कुछ कर्मचारी भी इस मामले में शामिल थे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एसपी अजय गणपति के निर्देश पर निष्पक्ष जांच जारी है, और इस कार्रवाई का स्थानीय ग्रामीणों ने स्वागत किया है।
चंपावत जिले के सीडीओ संजय कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और विभागीय स्तर पर भी इसकी जांच की जाएगी। सत्यता पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।