J & k news- किश्तवाड़ में बादल फटने से चार की मौत, कई लोग लापता

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के डच्चन के होंजर गांव में बुधवार तड़के बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग लापता है।
एक प्रशासनिक अधिकारी ने आज यहां बताया कि चार लोगों के शव बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा लापता लोगों का पता लगाने के लिए खोज अभियान में तेज बारिश से बाधा आ रही है।
उन्होंने कहा घटना में कई लोग लापता है लेकिन, “लापता लोगों की वास्वतिक संख्या का अभी तक पता नहीं चला है।”
पुलिस, सेना और राज्य आपदा राहत दल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और बचाव कार्य जारी है।
इससे पहले, किश्तवाड़ के उपायुक्त अशोक शमार् ने यूनीवातार् से बादल फटने की रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा, “यह एक सुदूरवतीर् गांव है और इस घटना में लापता व्यक्तियों तथा किसी के हताहत होने का विवरण अभी तक नहीं मिला है।”
श्री शमार् ने कहा, “गांव में आठ से 1० घर हैं जहां से बादल फटने की सूचना मिली है। बचाव दल को मौके पर भेजा गया है। विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है।”
मौसम विभाग ने मौसम संबंधी अलर्ट भी जारी किया है।
जम्मू-कश्मीर के मौसम विभाग की निदेशक सोनम लोटस ने कहा, “ जम्मू-कश्मीर के अधिकांश स्थानों पर बादल छाए हुए हैं और पुंछ, राजौरी, रियासी और पड़ोस के कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश और बारिश हो रही है।”
उन्होंने कहा कि 3० जुलाई तक रूक रूक कर बारिश जारी रहने की आशंका है और कुछ स्थानों पर तेज बारिश होने भी आसार है।
विभाग द्वारा जारी परामर्श के अनुसार इससे निचले इलाको में अचानक बाढ़, भूस्खलन, भूस्खलन और जल भराव की आशंका व्यक्त की गई हैं। डॉ लोटस ने कहा, “लोगों को सतर्क रहने और अत्याधिक एलर्ट रहने की सलाह दी जाती है सभी नदियों में जल स्तर बढ़ गया है। पहाड़ी और भूस्खलन की आशंका क्षेत्रों नहीं जाने की सलाह दी जाती है।”
किश्तवाड़ पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों लोगों को सतर्क रहने की घोषणाएं और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रही है।
इसके अलावा किश्तवाड़ जिले में लगातार और भारी वषार् को देखते हुए अधिकांश नदियों और नालों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और अधिकांश नदियों में भारी बाढ़ आ गई है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने सहायता डेस्क स्थापित किया है और लोगों को सलाह दी जाती है कि वे घर पर रहें और किसी भी जलाशय के पास न जाएं। किसी भी आपात स्थिति में लोग अधिकारियों से संपर्क करे।