न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए चंपावत सीट छोड़ने का इनाम मिला है। गहतोड़ी को वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर दर्जाधारी मंत्री का ओहदा दिया गया है। कैलाश गहतोड़ी ने सीट छोड़ने के साथ ही सीएम धामी की जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत भी की थी। मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में भी पूर्व विधायक गहतोड़ी ने ही पूरा चुनावी कैंपेन संभाला था।
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद उन्हें दोबारा से सीएम पद की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके बाद उन्हें छह माह में विधानसभा की सदस्यता लेना जरूरी हो गया था। मगर राज्य की कोई भी विधानसभा सीट खाली न होने के कारण समस्या खड़ी हो गई तो कई विधायक मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हो गए। चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने भी अपनी सीट छोड़ने का प्रस्ताव रखा, जिस पर भाजपा हाईकमान ने मुहर लगा दी। इसके बाद चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सीएम धामी के लिए खुशी-खुशी अपना त्यागपत्र दे दिया। यही नहीं, कैलाश गहतोड़ी ने धामी की जीत के लिए भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
सीएम के चंपावत से रिकार्ड जीत हासिल कर लेने के बाद कैलाश गहतोड़ी को इनाम मिल सकता है, ऐसे कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे। सियासी जानकारों का मानना था कि विधायकी छोड़ने के बाद कैलाश गहतोड़ी का राजनीतिक ग्राफ ऊंचा होगा। गहतोड़ी को पार्टी क्या इनाम देगी और उन्हें क्या ओहदा मिलेगा इस पर सभी की नजर थी। गुरुवार को पार्टी ने उन्हें राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर इस पर संशय खत्म कर दिया है।



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