न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्ती मामले में पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का बयान सामने आया है। साेमवार को मीडिया के सामने आए गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि विधानसभा की सेवा नियमावली में विधानसभा अध्यक्ष को भर्ती करने का अधिकार है, इसके तहत ही सभी भर्तियां की गई हैं।
उन्होंने दो टूक शब्दों में साफ कहा कि सरकार चाहे तो देश की सबसे बड़ी एजेंसी से नियुक्तियों की जांच करा सकती है। यदि उन पर किसी भी तरह का आरोप साबित हो जाता है तो वह सजा भुगतने को तैयार हैं। सभी नेता ने अपने अपने कार्यकाल के दौरान अपने नजदीकियों को मौका दिया है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि राज्य के पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत से लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल तक नियुक्ति हुई है। यही नहीं पूर्व के कई मुख्यमंत्रियों ने अपने परिवार के लोगों को भी विधानसभा में नियुक्ति देने की सिफारिश की है। क्योंकि यह परिपाटी शुरू से चली आ रही है। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा सरकार सभी नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच करा सकती है।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि संविधान में अनुच्छेद-187 के तहत राज्य विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार प्राप्त है कि वह जरूरत के अनुसार विधानसभा में तदर्थ नियुक्तियां कर सकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि मैंने अपने तमाम रिश्तेदारों को नौकरी पर रखा, लेकिन मेरे कार्यकाल में भाजपा, कांग्रेस के नेताओं की सिफारिश पर नियुक्तियां दी गईं।
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