नैनीताल। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य की सभी अदालतों में ऑफलाइन सुनवाई बंद करने के निर्देश दिए हैं। अब सभी जिला व परिवार न्यायालयों के साथ ट्रिब्यूनलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई की जाएगी।
मंगलवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस अनुज संघल की ओर से जारी अधिसूचना में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाने वाली सुनवाई के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी जर उनका कड़ाई से पालन करने को कहा गया है । इन निर्देशों के अनुसार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये केवल आवश्यक मुकदमों की सुनवाई होगी । केवल प्रथम रिमांड व 164 के बयान दर्ज करने के लिए ही कोर्ट आना होगा।
कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं व वादियों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा । अधिवक्ता अर्जेंट मुकदमे की सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट परिसर के बाहर लगे ड्रॉप बॉक्स में डालेंगे। जिसकी अर्जेन्सी का जिला न्यायाधीश मूल्यांकन कर उसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे और सूचीबद्ध वादों को जिला कोर्ट की वेबसाइट में अपलोड करेंगे ।
वीडियो कांफ्रेंसिंग पिछले साल जारी निर्देशों के अनुसार ही होगी । यदि किसी अधिवक्ता को घर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में परेशानी हो अथवा किसी क्षेत्र में ई मेल नेटवर्क ठीक से न चलता हो तो ऐसे अधिवक्ता जिला कोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम का प्रयोग कर सकेंगे । हाईकोर्ट ने जिला न्यायधीशों से कहा है कि वे अपने जिले के बार एसोसिएशन से बार सभागार में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम बनाने को कहें। साथ ही बार एसोसिएशन से नियमित संवाद बनाएं ।
52 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों के प्रवेश पर भी रोक
हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों में 52 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों के प्रवेश पर भी रोक लगाई हैं । कहा है कि कोई भी कर्मचारी बिना मास्क पहने कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं करेगा । कर्मचारियों की कोर्ट के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी । कोर्ट परिसर को रोज दिन में दो बार सैनिटाइज किया जाएगा ।