न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे। आज इस युद्ध का 13वां दिन है। इस बीच,यूक्रेन में अब भी कई भारतीय फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से निकालने की काेशिशें हो रही हैं, मगर लगातार हमले के कारण इसमें परेशानियां आ रही हैं। सबसे ज्याद दिक्कत सूमी में फंसे भारतीयों (students from Uttarakhand) को निकालने में आ रही है।
यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे छात्रों में उत्तराखंड के भी 15 छात्र (students from Uttarakhand) हैं। मंगलवार को अपर सचिव अतर सिंह की ओर से दी गई जानकारी में यह बताया गया है कि उत्तराखंड के कुल 286 छात्रों (students from Uttarakhand) में से अब तक 240 छात्र अपने वतन वापस आ चुके हैं। 15 छात्र अभी भी युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं और 31 छात्र यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में हैं। यूक्रेन में चंपावत का एक, देहरादून के छह, नैनीताल व पौड़ी का एक-एक, ऊधमसिंह नगर व उत्तरकाशी के तीन-तीन छात्र (students from Uttarakhand) फंसे हुए हैं। यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में अल्मोड़ा के दो, चंपावत का एक, देहरादून के चार, हरिद्वार का एक, नैनीताल के दो, पिथौरागढ़ का एक, टिहरी के तीन और ऊधमसिंह नगर के 17 छात्र फंसे हुए हैं। यूक्रेन के सीमावर्ती चेकोस्लोवाकिया में एक, हंगरी में चार, मास्को में एक, पोलेंड में 17, रोमानिया में चार, बर्लिन और रूस में एक-एक व जर्मनी में दो छात्र (students from Uttarakhand) हैं।
आज 12:30 बजे से रूस का सीजफायर
भारत में रूसी दूतावास ने बताया कि, यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए आज दोपहर 12:30 बजे (भारतीय समयानुसार) से सीजफायर रहेगा। इस दौरान लोगों को निकालने के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाया जाएगा।
भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों की सराहना की
इधर, यूएनएससी में भारत ने कहा कि “हम यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान करने में सफल रहे हैं। हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके संबंधित देशों में लौटने में भी सहायता की है। हम आने वाले दिनों में भी ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए 80 से अधिक उड़ानें काम कर रही हैं। हम यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय आपूर्ति भेज चुका है। इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं। हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं।
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