उत्तराखंड की महान सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर नंदा देवी राजजात यात्रा वर्ष 2026 में भव्य लोक उत्सव के रूप में आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान इस यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा राज्य की सांस्कृतिक पहचान है और इसे वैश्विक मंच तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार देश-विदेश में किया जाए। इसके लिए भारतीय दूतावासों की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे प्रचारित किया जाएगा, ताकि दुनियाभर से लोग इस ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ सकें।
मुख्यमंत्री ने यात्रा से जुड़े सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पौराणिक अभिलेखों के संरक्षण पर विशेष बल देते हुए कहा कि इन्हें संरक्षित करने के लिए गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालयों की मदद ली जाएगी। इस पहल का उद्देश्य यात्रा के ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित कर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।
श्री धामी ने कहा कि यात्रा के दौरान उत्तराखंड की संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा, लोक वाद्य यंत्रों और रीति-रिवाजों की स्पष्ट झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि वह इस उद्देश्य के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करे और लोक कलाकारों के लिए सतत भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा का मार्ग उच्च हिमालयी और संवेदनशील क्षेत्र में आता है। इसलिए भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसे विषयों पर ठोस एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार की जाए। इसके साथ ही यात्रा मार्ग में पेयजल, शौचालय, पार्किंग, इको टेंट कॉलोनी, सौंदर्यीकरण तथा विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने स्थायी और अस्थायी ढांचों की पहचान कर एक माह के भीतर शासकीय स्वीकृति लेकर निर्माण कार्य शुरू करने को भी कहा। साथ ही, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां जेसीबी, पोकलैंड और प्रशिक्षित ऑपरेटरों की तैनाती की जाएगी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी कि वर्ष 2026 में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से यह यात्रा शुरू होगी। लगभग 280 किलोमीटर की इस यात्रा में 20 किलोमीटर की पैदल यात्रा शामिल होगी। यह यात्रा मां नंदा की मायके (कासुवा, नौटी) से ससुराल (होमकुंड) तक की धार्मिक परंपरा को दर्शाती है, जो लगभग 20 दिनों तक चलेगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में विधायक अनिल नौटियाल, विधायक भूपाल राम टम्टा, अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांश, सचिव नितेश झा, राधिका झा, शैलेश बगोली, पंकज पांडेय, सचिन कुर्वे, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।







