न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। अभी तक आपने आलू के चिप्स, फ्रेंच फ्राई, कुकीज ही तैयार किए होंगे, मगर क्या कभी आलू से जलेबी बनाई है। नहीं न, मगर अब आप किसी भी किस्म की आलू की बनी स्वादिष्ट और कुरकुरी जलेबी (Potato Jalebi) का स्वाद भी ले सकेंगे। इस जलेबी का खास बात ये है कि ये आठ महीने तक खराब नहीं होगी। शिमला के सीपीआरआई के वैज्ञानिकों ने इस अनूठी जलेबी (Potato Jalebi) को तैयार किया है।
बाजार में उपलब्ध मैदे की जलेबी ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रखी जा सकती है। इसे 24 घंटे के भीतर इस्तेमाल करना होता है। नहीं तो इसका स्वाथ्स्य पर बुरा असर पड़ता है। मगर आलू की बनी जलेबी (Potato Jalebi) में यह दिक्कत नहीं होती और इसे आठ माह तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके स्वाद और कुरकुरेपन में कोई फर्क नहीं पड़ता।
सीपीआरआई के वैज्ञानिकों ने आलू से जलेबी बनाने के फार्मूले का पेटेंट भी करा लिया है। यानी, आलू की जलेबी का फार्मूला बेचकर संस्थान अतिरिक्त कमाई भी कर सकेगा। जलेबी की बिक्री के लिए नामी कंपनियों से करार किया जा रहा है। आईटीसी जैसे नामी कंपनियों से आलू की जलेबी (Potato Jalebi) के लिए बातचीत की जा रही है, ताकि डिब्बा बंद जलेबी परोसी जा सके।
संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अरविंद जायसवाल बताते हैं कि आलू की जलेबी बनाने में आलू छिलके के साथ इस्तेमाल किया जाता है। छिलके में ज्यादा फाइबर होता है और आलू का स्टार्च जलेबी (Potato Jalebi) में कुरकुरापन लाता है। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं को आलू की जलेबी को चासनी तैयार करके इस्तेमाल करनी होगी। इसी कारण से बड़ी नामी कंपनियों से बातचीत की जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को डिब्बा बंद आलू की जलेबी इस्तेमाल करने में ज्यादा समय न लगे। यह जलेबी आठ माह तक खराब नहीं होगी।
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