न्यूज जंक्शन 24, नैनीताल। उत्तराखंड को नया मुख्य न्यायाधीश मिला है। हालांकि इनका कार्यकाल अभी कार्यकारी के तौर पर रहेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की संस्तुति पर नैनीताल हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा (Justice Sanjay Mishra) को हाई कोर्ट का कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान आज यानी 24 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति संजय मिश्रा (Justice Sanjay Mishra) मुख्य न्यायाधीश के दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
सातवीं बार मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश
बुधवार के केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेंद्र कश्यप के हस्ताक्षरों से इस आशय की अधिसूचना जारी की गई है। यह सातवां मौका है जब नैनीताल हाई कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की गई। न्यायमूर्ति संजय मिश्रा (Justice Sanjay Mishra)का उड़ीसा हाई कोर्ट से 11 अक्टूबर 2021 को नैनीताल हाई कोर्ट तबादला किया गया था। जस्टिस मिश्रा ने 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री हासिल की है। वह 1999 में जयपुर जिला न्यायालय में अपर जिला जज और 2009 में उड़ीसा हाई कोर्ट में जज बने थे।
जस्टिस मिश्रा ने 1988 में शुरू की थी प्रेक्टिस
दिल्ली विश्वविद्यालय से 1987 में एलएलबी करने के बाद संजय मिश्रा (Justice Sanjay Mishra) 1988 में बोलांगीर जिला कोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की। उन्होंने बोलांगीर लॉ कॉलेज में लॉ के लेक्चरार के तौर पर भी काम किया। जिला जज की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद संजय जयपुर में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त हुए। संजय भुवनेश्वर में सीबीआई में स्पेशल जज के साथ-साथ सुंदरगढ़, ढेंकनाल में जिला और सत्र न्यायाधीश भी रह चुके हैं। वे ओडिशा हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार जनरल भी रह चुके हैं। साल 2009 में उन्हें ओडिशा हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया, जहां से इसी साल अक्तूबर में उत्तराखंड हाईकोर्ट में उनका स्थानांतरण हुआ था।
जस्टिस आरएस चौहान काे दी गई विदाई
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो रहा है। इसे देखते हुए बुधवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने नैनीताल क्लब में उनके लिए विदाई समारोह आयोजित किया। इस दौरान जस्टिस चौहान ने कहा है कि बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय से ही वादकारियों का हित सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि वह कर्नाटक, तेलंगाना आदि राज्यों में न्यायाधीश रहे लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट जैसी सौम्य व सरल बार कहीं नहीं मिली। जस्टिस चौहान ने कार्यकाल में सहयोग के लिए अधिवक्ताओं व राज्य की जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों की ओर से मिले प्यार के लिए कृतज्ञता प्रकट की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कोविड काल में जूनियर अधिवक्ताओं की मदद के लिए आगे आने पर आभार प्रकट किया।
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