न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए टेली मेडिसिन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में अब मरीजों को घर तक दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी (medicines will be delivered to the patients at home)। स्वास्थ्य निदेशालय प्रभारी सचिव एवं एनएचएम मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में 35 स्वास्थ्य केंद्र टेली मेडिसिन सेवाओं से जुड़े हैं। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में टेली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा लंबे समय से बीमार की इलाज करा रहे मरीजों को घर पर जरूरी दवाईयां पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
प्रभारी सचिव ने कहा कि एनएचएम का उद्देश्य राज्य सरकार की ओर से दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचे। इसी उद्देश्य से आने वाले समय के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की जाएगी (medicines will be delivered to the patients at home)। अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी। जो अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे। अस्पतालों में अधिकारियों व कर्मचारियों समय पर पहुंचे। इसके लिए दैनिक उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा बिना पंजीकरण के चल रहे स्वास्थ्य संस्थानों और झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रभारी सचिव ने कहा कि प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इसके बावजूद मातृ-शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।अस्पतालों में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिला के उपचार में किसी तरह कोई कमी न रहे। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की जाएगी। मानसून सीजन में आपदा को देखते हुए राज्य व जिला स्तर के कंट्रोल रूम में डॉक्टर की तैनाती की जाती है। डेंगू हॉट स्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर रोकथाम और जागरूकता के लिए आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों जानकारी दे रही है।
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