देहरादून। विकास कार्यों पर हमेशा बजट नहीं होने का रोना रोने वाले अफसरों की कैग ने कलई खोल दी है। गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में विभागों के पास भरपूर बजट था, मगर जिम्मेदार अधिकारी सोते रहे और 250 करोड़ आए भी ज्यादा की धनराशि वापस हो गई।
गुरुवार को विधानसभा में चल रहे मॉनसून सत्र में संसदीय कार्य मंत्री बंसीधर भगत ने कैग रिपोर्ट 2020 को सदन के पटल पर रखा, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कैग रिपोर्ट 2020 में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक विभाग 259 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर 259 करोड़ रुपये सरेंडर करने पड़े।
इसके अलावा भी कैग की रिपोर्ट में कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 2015-16 से लेकर 2019-20 पांच सालों में कृषि और उद्योग के अंश में कमी आई है। कृषि अंश 9.19 फीसदी से घटकर 8.06 फीसदी रह गया। वहीं, उद्योग का अंश 47.66 फीसदी से घटकर 46.19 फीसदी पर आ गया।
कैग ने राजस्व घाटे पर चिंता जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय को भी पूरा नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा भी कैग की रिपोर्ट में कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। प्रदेश की 30 राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में 3 निगम हैं और 27 सरकारी कंपनियां शामिल हैं। 8 सरकारी कंपनियां पिछले 8 से 33 सालों से कार्यरत हैं।