चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में अब विवाद बगावत की राह पर आता दिख रहा है। 40 विधायकों के पत्र के बाद पार्टी हाईकमान ने आज शाम 5:00 बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। चर्चा है कि उसमें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कैप्टन से इस्तीफा मांगा जाएगा। इधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैप्टन ने भी हाईकमान को फोन कर अवगत करा दिया है कि अगर उन्हें बगावत और विरोध के बीच हटाने का निर्णय लिया गया तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। इससे पार्टी में एक बार फिर बड़े भूचाल की आशंका पैदा हो गई है। अन्य विपक्षी दलों की भी पंजाब के इस बड़े घटनाक्रम पर नजरें टिकी हुई है। मुख्यमंत्री ने अपने फार्म हाउस पर समर्थक विधायकों की बुलाई गई बैठक को स्थगित कर दिया है।
पंजाब में कांग्रेस के बीच लंबे समय से चल रहे घमासान को देखते हुए अब पार्टी में यह भूचाल अंतिम चरण में आ गया है। हालांकि, अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। हरीश रावत से कहा गया है कि वह कैप्टन से इस्तीफा सौंपने को कहेंगे।
बता दें कि तीन दिन पहले चालीस विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जता दिया था। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि और भी कई विधायक उनके खिलाफ हैं लेकिन जब तक वह सीएम रहेंगे कोई भी खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोलेगा। ऐसे में विधायक दल की मीटिंग बुलानी जरूरी है, जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हों।
इस चिट्ठी के आधार पर हरीश रावत ने कांग्रेस की प्रधान सोनिया गांधी से मुलाकात की और शुक्रवार देर रात को उन्होंने पंजाब कांग्रेस कमेटी से शनिवार शाम पांच बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाने को कहा। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर अजय माकन और हरीश राय चौधरी को भेजा जा रहा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाई कमान के इस्तीफा मांगने की बात पर कैप्टन काफी गुस्साए हुए हैं और उन्होंने हाई कमान को साफ कह दिया है कि अगर इस तरह के विरोध पर उनको हटाया गया तो वह पार्टी भी छोड़ सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी आधिकारिक पुष्टि करने के लिए कोई तैयार नहीं है।