नैनीताल। कोरोना की संभावित तीसरी लहर ने सभी माता-पिताओं को परेशान कर दिया है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस महकमे की महिला पुलिसकर्मियों के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है और उनके बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार को अावश्यक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस याचिका पर सुनवाई अब आठ जुलाई को होगी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर के किच्छा निवासी सुभाष तनेजा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए खतरनाक बताया है, उससे पुलिस महकमे में कार्यरत गर्भवती महिलाओं और पांच साल तक के बच्चों की मांओं को भी खतरा हो सकता है। इसलिए इनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। ऐसे में इन पुलिसकर्मियों को संभव हो तो अवकाश पर भेजने या फील्ड की जगह ऑफिस ड्यूटी कराने या वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हाेंने इस संबंध में डीजीपी को भी प्रत्यावेदन भेजा था, जिसके बाद डीजीपी ने एक साल तक के छोटे बच्चों की माता पुलिसकर्मियों का फील्ड ड्यूटी से छूट प्रदान कर दी गई थी, मगर इस दायरे को और बढ़ाने की जरूरत है।