यूपी बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए ऑनलाइन परीक्षा केंद्र निर्धारण की पॉलिसी जारी कर दी गई है। नकल और विवादरहित परीक्षा पर पूरा फोकस है। इस बार परीक्षा केंद्रों पर किसी भी परीक्षार्थी के जूते और मोजे उतारकर परीक्षा नहीं ली जाएगी। बल्कि परीक्षा से पहले ही कक्ष में प्रवेश करते समय परीक्षार्थियों के जूते मोजों को भलीभांति जांचा जाएगा। 30 नवंबर तक केंद्रों की सूची फाइनल हो जाएगी।
ऑनलाइन चयनित परीक्षा केंद्रों का परीक्षण करते समय समिति को कुछ बिंदुओं का विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा गया है। सूचनाएं अपलोड नहीं करने वाले, पिछले तीन वर्ष में डिबार हुए स्कूल, समय से पहले प्रश्न पत्र खोलने के दोषी पाए गए स्कूल, वर्ष 2019 की परीक्षा के दौरान सचल दल से अभद्रता करने वाले स्कूल, हिंसात्मक या आगजनी की घटना वाले स्कूलों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। ऐसे स्कूल जहां प्रबंधक और प्रधानाचार्य के बीच विवाद हो, स्कूल के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही हो या फिर स्कूल के बीच से मार्ग निकलने पर भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। राजकीय स्कूलों को छोड़कर कोई भी ऐसा स्कूल केंद्र नहीं बनेगा जहां परिसर में प्रबंधक या प्रधानाचार्य का आवास हो। समाज कल्याण विभाग से संचालित राजकीय आश्रम पद्धति के स्कूलों को भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा।

एक महीने तक सुरक्षित रखनी होगी रिकार्डिंग
परीक्षा केंद्र पर वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंंग कम से कम 30 दिनों तक सुरक्षित रखनी होगी। परीक्षा संचालन के वेबकास्टिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। वेबसाइट पर दर्ज भ्रामक सूचनाओं के आधार पर यदि कोई स्कूल केंद्र बनता है तो स्कूल को एक वर्ष के लिए डिबार कर दिया जाएगा।
यह है समय सारिणी
-जिला कमेटी के लिए केंद्र की सूची प्रस्तुत करना- नौ नवंबर
-प्रधानाचार्यों से ऑनलाइन आपत्ति और शिकायतें प्राप्त करना- 14 नवंबर
– आपत्तियों का परीक्षण कर अंतिम कार्यवाही को अग्रसारित करना-22 नवंबर
-आपत्तियों का निराकरण कर अंतिम सूची जारी करना- 30 नवंबर


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