अब कौन बनेगा उत्तराखंड का नेता प्रतिपक्ष ? फैसले के लिए यह तिथि फाइनल की। डॉ. इंदिरा हिर्देश के निधन से खाली है पद

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सौरभ बजाज, हल्द्वानी

उत्तराखंड में राजनीतिक उथल-पुथल दोनों दलों में बनी हुई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री को विधायक बनाने के लिए भाजपा विधानसभा सीट तय नहीं कर पा रही है, वहीं कांग्रेस में डॉक्टर इंद्रा हिरदेश के निधन के बाद खाली हुए नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठाने के लिए विधायक का चयन नहीं हो पाया है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी इस पद के लिए 25 जून के बाद अपना नया नेता प्रतिपक्ष घोषित कर देगी।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद को लेकर हाल ही में हुए बदलाव के बाद भाजपा हाई कमान ने पौड़ी-गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। अब संवैधानिक बाध्यता है कि 6 महीने के भीतर तीरथ सिंह रावत को विधायक बनना अनिवार्य है। सितंबर तक रावत को विधायक बन जाना चाहिए, लेकिन अभी तक उनको किस सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा भाजपा तय नहीं कर पाई है। कुछ ऐसी ही स्थिति से कांग्रेस भी गुजरने लगी है, हाल ही में कांग्रेस की आयरन लेडी और हल्द्वानी से विधायक डॉक्टर इंद्रा हिरदेश विपक्ष की नेता थीं। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में शामिल होने गईं डॉक्टर हृदेश का हार्ट अटैक से निधन हो गया। हालांकि अभी निधन हुए एक महीना भी नहीं गुजरा है, मगर उस पद को भरने की संवैधानिक बाध्यता भी पूरी करना जरूरी है। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है, ऐसे में अब नया नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इसको लेकर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। क्षेत्र, जातीय और वरिष्ठता को आधार बनाकर कांग्रेस नए नेता के चयन के लिए मशक्कत में जुटी हुई है। कयास को आधार मानें तो कुमाऊं से ही नेता प्रतिपक्ष का चयन होना है। ऐसे में उपनेता प्रतिपक्ष करण महारा और जागेश्वर से विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल का नाम शीर्ष पर है। बावजूद जातीय समीकरणों के हिसाब से देखें तो प्रदेश अध्यक्ष क्षत्रिय हैं ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का पद किसी ब्राह्मण विधायक को दिया जाएगा। पार्टी ऐसे विधायक के मंथन में भी लगी हुई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा पार्टी सब कुछ परखने के बाद ही चयन करेगी। इसके लिए मंथन तेजी से चल रहा है। 25 जून के बाद नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित कर दिया जाएगा।