उत्तराखंड में नया शिक्षा सत्र 2025-26 अगले महीने से शुरू होने वाला है, लेकिन प्रदेश के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की दोहरी व्यवस्था पर असमंजस कायम है। इन विद्यालयों के अलग कैडर, बोर्ड और शिक्षकों के लिए बनी दोहरी व्यवस्था ने स्थिति को जटिल बना दिया है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक, इस संबंध में फैसला कैबिनेट में लाया जाएगा, जहां इन विद्यालयों के संचालन की पूरी व्यवस्था पर चर्चा होगी।
प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में 2020 में हर ब्लॉक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्ध करने की मंजूरी दी गई थी। हालांकि, इन विद्यालयों के प्रारंभिक परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहे, जिसके बाद इन विद्यालयों को उत्तराखंड बोर्ड से चलाने की मांग उठने लगी।
इसके अलावा, इन विद्यालयों में स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से चयनित शिक्षकों और पहले से तैनात शिक्षकों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बन गई, जिससे दोहरी व्यवस्था उत्पन्न हो गई।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस मामले में जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी और उसके बाद इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इसके साथ ही, डॉ. रावत ने यह भी कहा कि प्रदेश के सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के छात्रों को निर्धारित समय पर मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।


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