बरेली। सहारनपुर टपरी डिस्टिलरी से एक बिल्टी पर दो ट्रक निकालकर सौ करोड़ रुपये के टैक्स की चोरी में सलाखों के पीछे पहुंचे शराब कारोबारी मनोज जायसवाल की मुश्किलें और बढ़ेंगी। भमौरा निवासी रिश्ते के चाचा अजय जायसवाल के नाम पर धोखाधड़ी से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने वाले मनोज जायसवाल के शराब के सभी लाइसेंस निरस्त होंगे। इसकी प्रक्रिया आबकारी आयुक्त की कोर्ट से चल रही है। चुनाव के बाद आबकारी कोर्ट से फैसला आने की चर्चाएं अभी से शुरू हो गयी हैं। इसके साथ ही बेशकीमती जमीन पर स्पोर्ट्स स्टेडियम रोड पर बने मनोज के 21-डाउन टाउन बार-रेस्टोरेंट की बिल्डिंग भी ध्वस्त करने की तैयारी शुरू हो गयी है।
आवासीय भूमि पर कामर्शियल गतिविधि संचालित करने में बीडीए ने भवन ध्वस्त करने की फाइल तैयार कर ली है। कुछ दिन पहले ही बीडीए ने एफआईआर भी दर्ज करायी थी। मनोज तो जेल में चला गया है लेकिन जैसे ही उसकी पत्नी कनुप्रिया को भवन ध्वस्त करने की तैयारी की जानकारी मिली तो वह बुधवार दोपहर बीडीए के दफ्तर पहुंच गयी। मनोज की पत्नी ने बीडीए वीसी से मुलाकात कर अपनी बात रखी। भवन ध्वस्त न करने की बात रखते हुए नरमी दिखाने की गुहार लगायी।
माडल टाउन स्थित 21 डाउन टाउन भवन में बार तो कई साल से चल रहा था लेकिन जब चर्चा हुई तो बीडीए ने भी फाइल खंगाली। पता चला कि यहां तो बार खुल नहीं सकता है। अब बीडीए उसी आधार पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को आगे बढ़ा रहा है। माडल टाउन का यह भवन शराब कारोबारी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कारोबारी की पत्नी कनुप्रिया बुधवार को वीसी बीडीए से मिलीं और भवन में हुई अवैध कार्यवाही को वैध कराने तक नरमी बरतने की गुहार की। वीसी से कहा कि हेल्प कीजिए मैं भवन को वैध कराने में जो भी शुल्क लगता है, उसे देने को तैयार हूं लेकिन इस पर बुलडोजर न चलवाइए।
कनुप्रिया ने भवन को न गिराने के कई तर्क पेश किए। वीसी जोगिन्दर सिंह ने कारोबारी की पत्नी की बातों को ध्यान से सुना। उन्हें आश्वस्त किया कि किसी तरह की उत्पीड़नात्मक या बदले की भावना से प्राधिकरण कोई कार्यवाही न तो करता है और न ही इस मामले में भी ऐसा कुछ होगा। नियम के अनुसार कार्यवाही करने की बात कहकर कारोबारी की पत्नी को विदा किया। बीडीए में शराब कारोबारी की पत्नी के आने की खबर बाहर आते ही चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। पता चला है कि अवकाश के बाद अधिशासी अभियंता प्रवर्तन गुरुवार को कार्यालय आएंगे तब इस पत्रावली पर आगे का काम होगा।
कामर्शियल नहीं हो सकता डाउन टाउन बार
आवासीय नक्शे को व्यावासायिक में बदलने और सभी शुल्क देने की चर्चाओं के बीच नियम यह भी है कि सोसाइटी की जमीन को कामर्शियल नहीं किया जा सकता है। डाउन टाउन बार जिस जगह पर खुला है वह माडल टाउन सोसाइटी की आवासीय नक्शा पास जमीन है। इसका लैंड यूज भी बाजार स्ट्रीट श्रेणी का है।
इतना खुलासा होने के बाद अब इसमें बार तो नहीं खुल सकता है। आवासीय भूमि पर कामर्शियल यूज बीडीए भी पास नहीं कर सकता है। यदि यह सोसाइटी की जमीन न होकर प्राइवेट भूमि होती तब यह कामर्शियल में पास हो सकता था। अपनी बात कहने का सभी को अधिकार है। महिला ने भी अपनी बात रखी है। बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट का नियम है कि ध्वस्तीकरण आदेश निकलने के 30 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद ही ध्वस्तीकरण कार्यवाही होगी। बीडीए नियमानुसार कार्यवाही ही करेगा।
शराब कारोबारी के संग बैठने वालों की बढ़ेंगी धड़कनें
गांधी उद्यान में 7 जनवरी को हुए कार्यक्रम में आरोपी शराब कारोबारी मनोज जायसवाल संग टेबिल पर बैठने वाले नेता, उद्यमी और व्यापारियों की धड़कनें बढ़ गयी हैं। मनोज के साथ पूर्व डीएम मानवेंद्र सिंह भी बैठे थे। चर्चा हो रही है कि प्रकरण की अंदरखाने जांच की जा रही है।
यह देखा जा रहा है कि मनोज जायसवाल कितने समय से बरेली में अपने घर पर रुका था और इस बीच उसकी शहर के किन-किन लोगों से फोन पर बात होती रही। कार्यक्रम में मनोज से मुलाकात करने वालों में कौन-कौन थे। खुफिया तंत्र इसकी छानबीन कर रहा है।