दुष्कर्म पीड़िता किशोरी से थाने में दुष्कर्म, पूरा थाना लाइन हाजिर, आरोपी थानाध्यक्ष गिरफ्तार

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। ललितपुर जिले के थाना पाली 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता किशोरी के साथ थाना परिसर में रेप (Rape victim girl raped in police station) का मामला सामने आया है। ये वारदात किसी और ने नहीं, बल्कि थानाध्यक्ष ने किया है। थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज ने दुष्कर्म पीडि़ता को बयान दर्ज कराने के बहाने थाने बुलाया था और परिसर स्थित एक कमरे में लेकर उससे दुष्कर्म किया (Rape victim girl raped in police station) ।

इस मामले (Rape victim girl raped in police station) में एडीजी जोन कानपुर ने थाने में तैनात सभी 29 पुलिस कर्मचारियों को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं थानाध्यक्ष को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। एडीजी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ने थाना पाली में छह नए उपनिरीक्षकों समेत 29 नए पुलिस कर्मचारियों की तैैनाती भी कर दी है।

एडीजी कानपुर जोन ने थाना पाली में तैनात छह उपनिरीक्षक, छह हेड कांस्टेबल, दस आरक्षी, पांच महिला आरक्षी एवं एक चालक व एक फॉलोअर को लाइन हाजिर कर दिया है। लाइन हाजिर होने वालों की सूची में उपनिरीक्षक राजवीर सिंह, रामरतनलाल, राजेंद्र सिंह, अजय कुमार यादव, अरविंद कुमार, दीपक कुमार डागुर (प्रशिक्षणाधीन) को लाइन हाजिर किया गया है। वहीं लाइन हाजिर हेड कांस्टेबलों में बाबू सिंह, बाबूराम, महेश चंद्र, महेश चंद्र, सुनील कुमार, विनय कुमार, कांस्टेबल नंदराम, हरवेंद्र सिंह, जैनेंद्र सिंह यादव, विवेक पचौरी, महिला कांस्टेबल सुनीता राज, सीमा देवी, रीना यादव, मानसी शर्मा, काजल देवी, रिजर्व महिला कांस्टेबल नीरज, रेखा, रिजर्व कांस्टेबल महेंद्र सिंह, रणधीर द्विवेदी, कमलेश कुमार, रंजीत कुमार, आरक्षी अनुचर भूपेंद्र सिंह, अनुचर सत्यपाल हैं।

ये है पूरा मामला

थाना पाली क्षेत्र की 13 वर्षीय किशोरी को 22 अप्रैल के दिन पाली के ही चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया बहला फुसलाकर ले गए थे। किशोरी को भोपाल ले जाया गया था। वहीं किशोरी की मां 23 अप्रैल को पुलिस कप्तान के पास पहुंची और बेटी के गायब होने की बात बताई। साथ ही आरोपियों के नाम भी पुलिस को बताए गए। एसपी ने तत्काल थानाध्यक्ष पाली को निर्देश दिए कि किशोरी को बरामद करें। जब पुलिस ने हाथ पांव मारे तो आरोपी किशोरी को पुलिस के पास छोड़कर फरार हो गए। आरोपियों ने कहा कि वह किशोरी को लेकर नहीं गए थे बल्कि किशोरी भटक गई थी। वह उसको ढूंढकर लाए हैं। इस दौरान किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया, मगर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। थानाध्यक्ष ने किशोरी की मौसी को बुलवाया और उसके सुपुर्द कर दिया। अगले दिन 27 अप्रैल को किशोरी को बयान दर्ज कराने के नाम पर फिर थाने में बुला लिया गया। थाने में किशोरी के साथ थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज ने दुष्कर्म किया (Rape victim girl raped in police station) ।

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