उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर के पूछड़ी क्षेत्र में रविवार सुबह 5:30 बजे से वन विभाग की रिजर्व फॉरेस्ट भूमि से अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई के तहत करीब 90 परिवारों को हटाया जा रहा है। शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक नैनीताल के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया है। पूरे क्षेत्र में बैरिकेडिंग की गई है और मीडिया को भी कार्रवाई स्थल पर जाने से रोका गया है।
वन विभाग के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि अपर कोसी ब्लॉक क्षेत्र में कुल 170 परिवारों को पहले बेदखली का नोटिस जारी किया गया था। इनमें से कुछ परिवार पहले ही स्वेच्छा से घर खाली कर चुके थे। वर्तमान में लगभग 130 परिवार बचे थे, जिनमें से करीब 40 परिवार ने न्यायालय का सहारा लिया, जबकि शेष 90 परिवारों पर रविवार को कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई के दौरान लोग अपने मवेशियों को लेकर इधर-उधर भागते नजर आए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, कुछ साल पहले तराई पश्चिमी वन प्रभाग ने रामनगर नगर पालिका को कूड़ा निस्तारण (ट्रेंचिंग ग्राउंड) के लिए लगभग एक हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई थी। इसके बदले नगर पालिका ने वन विभाग को लगभग एक करोड़ रुपये की धनराशि दी थी। बावजूद इसके, कई लोगों ने भूमि पर अवैध कब्जा कर खेती करना शुरू कर दिया, जिससे सरकारी योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही थी। वन विभाग ने पहले भी अवैध कब्जों की पहचान की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
बीते दिन अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल, एसडीओ वन विभाग किरण शाह, राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन और नगर पालिका की संयुक्त टीम ने क्षेत्र का व्यापक सर्वे किया। सर्वे के दौरान टीम ने ड्रोन कैमरों से अतिक्रमण चिन्हित किया। प्रशासन की टीम और कुछ लोगों के बीच मौके पर नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद अतिक्रमण हटाने की तैयारी तेज हो गई।



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