नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी की घटना का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई करेगी। लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का हवाला देते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए। इसके अलावा इस घटना को लेकर उच्चतम न्यायालय को मंगलवार को एक पत्र लिखकर तीन अक्टूबर की इस घटना के मामले में शीर्ष अदालत की निगरानी में उच्चस्तरीय न्यायिक जांच का अनुरोध भी किया गया था।
दो अधिवक्ताओं शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने पत्र लिखकर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण से अनुरोध किया है कि इसे जनहित याचिका के रूप में लिया जाए, ताकि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके। इसमें गृह मंत्रालय और पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने तथा घटना में कथित रूप से शामिल लोगों को दंडित करने की भी मांग की गई है। दोनों अधिवक्ताओं ने पत्र में अदालत की निगरानी में उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग भी की है और एक निश्चित समय में इसमें सीबीआई को भी शामिल करने का अनुरोध किया है।
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